मंत्री कवासी लखमा अपनी माँ और बाप के बेटे हैं उन्होंने अपना वादा निभाया, अब केदार कश्यप की बारी- विक्रम मंडावी

बिगड़े बोल बोलने वाले केदार कश्यप, मंत्री कवासी लखमा और आदिवासियों से मागें माफ़ी- विक्रम मंडावी

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बीजापुर के विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी ने केदार कश्यप का प्रदेश के लोकप्रिय मंत्री कवासी लखमा को लेकर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री कवासी लखमा अपनी माँ और बाप का बेटा होने का फ़र्ज़ निभाया है और विधान सभा से आरक्षण का बील पास हो गया है, मंत्री कवासी लखमा ने साबित कर दिखाया है कि वे ही “बस्तर और आदिवासियों के सच्चे सपूत है।” विक्रम मंडावी ने अपने विज्ञप्ति में आगे कहा कि अब केदार कश्यप की बारी है कि वे मोदी सरकार से छत्तीसगढ़ विधान सभा से पारित आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करा कर अपने माँ और बाप का असली बेटा होने का फ़र्ज़ निभाए लेकिन वे ऐसा कभी नहीं करेंगे। क्यूँकि केदार कश्यप का पूरा कुनबा मोदी सरकार, भाजपा और आरएसएस की चरण वंदनाओं की राजनीति में लगी रहती है। वैसे भी केदार कश्यप और भाजपा ने कभी भी आरक्षण का खुले मन से समर्थन नहीं किया इसीलिए केदार कश्यप और भाजपा के लोगों ने हाई कोर्ट में लगे याचिका पर वर्ष 2012 से वर्ष 2018 तक कोर्ट के समक्ष सही तथ्यों को नहीं रखा। विक्रम मंडावी ने अपने विज्ञप्ति में आगे कहा कि मंत्री कवासी लखमा बस्तर और आदिवासियों के सबसे वरिष्ठ आदिवासी नेता है केदार कश्यप का बयान आदिवासियों और बस्तर के लोगों का अपमान है इसलिए केदार कश्यप, मंत्री कवासी लखमा और बस्तर के आदिवासियों से अपने अपमान जनक और अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल करने के लिए माफ़ी माँगे। विक्रम मंडावी ने अपने विज्ञप्ति में यह भी कहा कि भाजपा राज में केदार कश्यप शिक्षा मंत्री रहते उन्होंने बस्तर संभाग के सैकड़ों स्कूलों को जानबूझकर बंद करवाया ताकी आदिवासी बच्चे शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रहे, आरक्षण और आदिवासियों के हमेशा विरोधी रहे केदार कश्यप आदिवासियों की बात कहने का हक़ भी खो चुके है। विक्रम मंडावी ने कहा कि प्रदेश की जनता प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के नेतृत्व में विकास के रोज़ नए नए सोपान गढ़ रही है यही कारण है कि प्रदेश के हर चुनाव में प्रदेश की जनता कांग्रेस पार्टी को अपना पूरा पूरा समर्थन दे रही है इसी से बौखलाकर भाजपा और केदार कश्यप अभी से भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के हार के बहाने ढूँढ रही है ताकि लोगों का ध्यान कही और जाए लेकिन प्रदेश और बस्तर की जनता भाजपा के झूठ, जुमले और मनगढ़ंत बयानबाजी को अच्छी तरह से समझती है। भाजपा और केदार कश्यप केवल मीडिया में बने रहने के लिए उल-जुलूल बयान बाज़ी कर रहे है।


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