विशिष्ट शौर्य का परमवीर सम्मान
लेखक- संजय दुबे
भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के572 द्वीपसमूहो में से 21 द्वीपसमूहों का नाम देश के ऐसे 21 जांबाज़ योद्धाओं के नाम कर दिया है जिन्होंने भारत रत्न के बराबर या कहे उससे भी बड़ा सेना सम्मान- परमवीर चक्र प्राप्त किया है। युद्ध या युद्ध के समान ही विद्रोह की स्थिति में अपने जान की परवाह न कर देश की परवाह करने वाले सेना के तीनों अंग - थल,जल और नभ सेना के सामान्य सैनिक से लेकर सर्वोच्च अधिकारी के लिए जीवन मे बहुत कम अवसर आते है जब रक्षा के लिए अपना सर्वस्व लगाने का मौका मिलता है। जीवन और मृत्यु के बीच की दूरी जब धागे के मोटाई के बराबर शेष रह जाती है तब साहस की परीक्षा होती है और त्वरित बुद्धिमत्ता की भी, ऐसे 21 जांबाज़ बीते 75 साल में निकले जिन्हें देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र प्राप्त हुआ है। देश के लोग ऐसे परमवीरो को कैसे याद रखे इस बारे में स्थाई तौर पर कभी भी सोंचा नही गया था।
हमारे देश मे प्रेरणा देने वालो के लिए उनकी याद में सड़कों, चौराहों के नामकरण के अलावा उनकी मूर्तियां स्थापित करने की परंपरा अन्य देशों के समान है। इसके अलावा पाठ्यक्रम में गाथा शामिल करने और उनके नाम पर सम्मान दिए जाने की परंपरा रही है। ज्यादातर राजनीतिज्ञों को ये सम्मान मिलता रहा है। दीगर लोगो के लिए कुछ धारावाहिक औऱ बायोपिक बनाने का रिवाज भी है। पिछले साल मरणोपरांत परमवीर चक्र पुरस्कार जीतने वाले विक्रम बत्रा पर शेरशाह फिल्म बनी थी। दूरदर्शन में भी सालो पहले परमवीर चक्र धारावाहिक में प्रत्येक विजेता के बारे में बताया गया था।
परमवीर चक्र सम्मान मुख्यतः युद्ध अथवा ऐसी ही स्थिति में अदम्य और विशिष्ट वीरता का प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को मिलता है जो साधारण सैनिक से लेकर उच्चतम पद वाले सैन्य अधिकारी को ही मिल सकता है।
75 सालो में केवल 21 महावीर लोग ही परमवीर चक्र सम्मान पा सके है। जिनमे से 14 को मरणोपरांत सम्मान मिला है।
पहले परमवीर चक्र विजेता (1947) मेजर सोमनाथ शर्मा से लेकर अंतिम विजेता विक्रम बत्रा को भी मरणोपरांत परमवीर चक्र सम्मान मिला है। 1948 में यदुनाथ सिंह, पीरु सिंह, 1962 में कैप्टन गुरुवचन सिंह, सूबेदार जोगेन्दर सिंह, मेजर शैतान सिंह, 1965 में हवलदार अब्दुल हमीद , लेफ्टिनेंट कर्नल आर्देशिर तारापोर, 1971 में लांस नायक अल्बर्ट एक्का, फ्लाइंग अफसर निर्मलजीत सिंह सेखोने, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, 1987 में मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, 1999 में लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे और विक्रम बत्रा को मरणोपरांत परमवीर चक्र मिला है।
7 ऐसे जीवित योद्धा रहे है जिन्हें परमवीर चक्र सम्मान मिला है। नायक जादुनाथ सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट रमा रघोबा राणे,लांस नायक करम सिंह(1948) मेजर धनसिंह थापा,(1962), होशियार सिंह दहिया(1971) नायब सूबेदार बाना सिंह(1987) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह और राइफलमैन संजय कुमार(1999) जिन्हें स्वयं सम्मान लेने का अवसर मिला है।
2023 में ये सभी अजर अमर हो गए है। अब इनके नाम से देश के 21 द्वीप जाने जाएंगे। वीरों के सम्मान का ये ढंग प्रशंसनीय है।
About Babuaa
Categories
Contact
0771 403 1313
786 9098 330
babuaa.com@gmail.com
Baijnath Para, Raipur
© Copyright 2019 Babuaa.com All Rights Reserved. Design by: TWS