हाट-बाजार क्लीनिकों में 82 लाख लोगों का इलाज

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छत्तीसगढ़ के वनांचलों और ग्रामीण इलाकों के हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा अब तक कुल 81 लाख 89 हजार 806 लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से प्रदेश के 1749 हाट-बाजारों में क्लीनिक लगाकर लोगों की निःशुल्क जांच व उपचार कर दवाईयां दी जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजना की शुरूआत के बाद से अब तक प्रदेश भर में कुल एक लाख 44 हजार 962 हाट-बाजार क्लीनिक आयोजित कर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। योजना के अंतर्गत राज्य में 429 डेडिकेटेड ब्राडिंग वाहन तथा चिकित्सा दलों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों में लोगों का इलाज किया जा रहा है। 

 

हाट-बाजार क्लीनिकों में जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार, चिकित्सकीय परामर्श और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मलेरिया, एचआईव्ही, मधुमेह, एनीमिया, टीबी, कुष्ठ रोग, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच भी की जा रही है। इन क्लीनिकों में शिशुओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है। हाट-बाजार क्लीनिकों में ओ.पी.डी. आधारित आठ प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जांच के बाद व्याधिग्रस्त पाए गए लोगों को निःशुल्क दवाईयां भी दी जाती हैं। जिन मरीज़ों को उच्च स्तरीय जाँच अथवा उपचार की आवश्यकता होती है उन्हें हाट-बाज़ार क्लीनिक से सीधे स्वास्थ्य केंद्र में रिफर भी किया जा रहा है ताकि उनका सम्पूर्ण उपचार सुनिश्चित किया जा सके।

 

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 23 लाख 13 हजार 461 लोगों के उच्च रक्तचाप, 19 लाख 88 हजार 675 लोगों की मधुमेह, छह लाख 19 हजार 015 लोगों की मलेरिया जांच, चार लाख 73 हजार 560 लोगों की रक्त-अल्पता (एनीमिया) और दो लाख 90 हजार 047 लोगों में नेत्र विकारों की जांच की गई है। इन क्लीनिकों में 58 हजार 681 लोगों की टीबी, 31 हजार 700 लोगों की कुष्ठ और 45 हजार 640 लोगों की एचआईव्ही जांच भी की गई है। इस दौरान एक लाख चार हजार 273 गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच भी की गई है। हाट-बाजारों में आयोजित क्लीनिकों में दो लाख दो हजार 371 डायरिया पीड़ितों का भी उपचार किया गया है।

 

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिकों के माध्यम से अब तक बालोद जिले में तीन लाख 42ह जार 323, बलौदाबाजार-भाटापारा में एक लाख 56 हजार 109, बलरामपुर-रामानुजगंज में एक लाख 66 हजार 047, बस्तर में दो लाख 18 हजार 282, बेमेतरा में चार लाख 48 हजार 697, बीजापुर में एक लाख 42 हजार 373, बिलासपुर में चार लाख 51 हजार 751, दंतेवाड़ा में एक लाख 34 हजार दो, धमतरी में 85 हजार 351, दुर्ग में तीन लाख 15 हजार 596, गरियाबंद में तीन लाख 23 हजार 129, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में एक लाख 32 हजार 432, जांजगीर-चांपा में दो लाख 60 हजार 650 और जशपुर में चार लाख 44 हजार 576 लोगों का इलाज किया गया है।

 

योजना के तहत कबीरधाम में चार लाख दस हजार 064, कांकेर में तीन लाख 72 हजार 770, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 65 हजार 429, कोंडागांव में दो लाख छह हजार 042, कोरबा में दो लाख 25 हजार 441, कोरिया में एक लाख 25 हजार 436, महासमुंद में चार लाख 22 हजार 519, मनेन्द्रगढ़–चिरमिरी-भरतपुर में 76 हजार 658, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में एक लाख 16 हजार 291, मुंगेली में एक लाख 99 हजार 478, नारायणपुर में 61 हजार 239, रायगढ़ में पांच लाख 71 हजार 943, रायपुर में तीन लाख 14 हजार 992, राजनांदगांव में दो लाख 78 हजार 243, सक्ती में एक लाख 40 हजार 357, सारंगढ-बिलाईगढ़ में एक लाख 74 हजार 193, सुकमा में 74 हजार 515, सूरजपुर में चार लाख 35 हजार 721 तथा सरगुजा जिले में दो लाख 97 हजार 157 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है।


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