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मुख्यमंत्री ने किया 'विधिक जागरूकता प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला' का शुभारंभ
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित 'विधिक जागरूकता प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम भी उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला का छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन एवं राज्यगीत के साथ शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल का स्वागत राजकीय गमछे और औषधीय महत्व वाले सीता अशोक के पौधे से किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला आयोग की स्मारिका एवं ऑनलाइन शिकायतों के लिए बनाए गए मोबाइल एप "छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग" लॉन्च किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को महिलाओं को अधिकार सम्पन्न, सुरक्षित, सशक्त बनाने की शपथ दिलायी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे लोगों की कार्यकुशलता इस कार्यशाला से और अधिक निखरेगी। साथ ही बेहतर तालमेल और सहयोग से लक्ष्यों को और अधिक तेजी से हासिल किया जा सकेगा। इस कार्यशाला में जो मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए जाएंगे, वे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की रोकथाम में अपनी प्रभावी भूमिका निभाएंगे। मानव तस्करी, साइबर अपराध और कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न जैसे अत्यंत संवेदनशील विषयों पर यह कार्यशाला केंद्रित है।
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि आज हो रहे अपराधों के पीछे गरीबी, अशिक्षा, अज्ञानता है। मानव तस्करी को रोकने में आर्थिक शैक्षणिक रूप से सरकार काम कर रही है, पुलिस अधिकारियों की सजगता से मानव तस्करी में बड़ी गिरावट आई है, लेकिन इतना काफी नहीं है, मानव तस्करी होना ही नहीं चाहिए। साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है, हमारे छत्तीसगढ़ में भोले-भाले लोग हैं, इसलिए जरूरी है कि इन्हें जागरूक किया जाए, हमारी सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है। महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए हमने छोटी-छोटी योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी संचालन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम होना जरूरी है। इसके लिए सरकार नई-नई योजनाएं लागू कर रही है। कोरोना काल में लोगों को राहत देने के लिए चावल वितरण के साथ मनरेगा के कार्य प्रारंभ किए गए। लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम करने समूह के माध्यम से कार्ययोजना बनाई गई है। आज महिलाएं गौठानों में वर्मी कंपोस्ट,पेंट बनाने और साग सब्जी का उत्पादन कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रही है। इसी तरह ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने रीपा की स्थापना की जा रही है। इससे पारंपरिक कार्यों के साथ नए कार्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। समाज को आगे और आधुनिक समय के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए विधिक जानकारी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार सम्पन्न बनाया है, शासन की कल्याणकारी योजनाएं हमारे लिए हैं, सभी को अपने अधिकार और दायित्वों की जानकारी हो यह जरूरी है, इसलिए राज्य महिला आयोग द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का संचालन किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से लोगो को ऑन द स्पॉट नियमो की जानकारी के साथ न्याय भी दिलाया गया। महिला आयोग की कार्यप्रणाली में आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है,जिससे प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जा सके।लोगो को जागरूक करने करने के लिए शॉर्ट फिल्मों के अतरिक्त विषय विशेषज्ञों के माध्यम से संभागस्तरीय प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने कहा कि समय के अनुरूप महिलाओ और बच्चियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है।आयोग इनके लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करता है। महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने के लिए महतारी रथ का परिभ्रमण पूरे राज्य में कराया जा रहा है।आज महिलाओं के आत्मसम्मान में वृद्धि हुई है। महिलाएं स्वयं जागरूक हो और अन्य को भी जागरूक करें।अपराध को नियंत्रित करने सभी को सहयोग करना होगा।प्रदेश की महिलाओं की दशा और दिशा को बदलने के लिए विधिक जागरूकता अति आवश्यक है।वर्तमान में महिलाएं आजीविका के सभी क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही है और आत्मनिर्भर बन रही है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आयोग के कार्यकाल से अवगत कराते हुए कहा कि कार्यकाल में आयोग ने राज्य के सभी जिलों में सुनवाई करते हुए प्रताड़ित महिलाओ को न्याय दिलाया। आयोग ने प्रशासन के सहयोग से सभी कार्यों को सफलतापूर्वक किया।
विधिक कार्यशाला सह प्रशिक्षण में मानव तस्करी रोकथाम विषय पर पुलिस महानिरीक्षक डॉ संजय शुक्ला, महिला अपराध एवं साक्ष्यों के लिए सावधानियां विषय पर फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सुनंदाढेंगे, परिवार न्यायालय एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध तथा प्रतितोष) विषय पर एजीपी सुश्री शमीम रहमान, साइबर क्राइम पर प्रस्तुतिकरण विषय पर साइबर एक्सपर्ट सुश्री मोनाली गुहा ने बात रखी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला आयोग की ओर से जिलों के सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को प्रकरणों के निराकरण के लिए दिए गए सहयोग के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा, श्रीमती अर्चना उपाध्याय, श्रीमती अनिता रावटे, श्रीमती बालो बघेल उपस्थित थीं।
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