राज्य में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की 19 यूनिट शुरू

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थापित गौठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन तेजी से होने लगा है। वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 19 यूनिट शुरू हो चुकी है। क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 44,160 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 26,292 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 47 लाख 71 हजार रूपए की आय हासिल हुई है। राज्य में फिलहाल 45 यूनिट स्थापित किए जाने की मंजूरी दी गई है, जिसमें से अभी 26 गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना की जा रही है। 

 

गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए कुल 45 पेंट उत्पादन यूनिट की स्वीकृति दी गई है, जिसमें 19 की स्थापना पूरी कर वहां उत्पादन शुरू हो चुका है। रायपुर एवं दुर्ग जिले में 3-3, कोरबा जिले में 2 यूनिट स्थापित हुई है, जबकि कांकेर, बालोद, कोरिया, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बेमेतरा, सूरजपुर, सरगुजा, नारायणपुर एवं बस्तर जिले में 1-1 यूनिट स्थापित एवं क्रियाशील हो चुकी हैं। रायपुर जिले की 3 यूनिटों में अब तक सर्वाधिक 20,841 लीटर, कांकेर में 7878 लीटर, दुर्ग में 2900, बालोद में 1300, कोरबा में 200, कोरिया में 800, कोण्डागांव में 3868, दंतेवाड़ा में 1343, बीजापुर में 1090, बेमेतरा में 500, सूरजपुर में 500, बस्तर में 1840 लीटर, सरगुजा में 400 एवं नारायणपुर में 700 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन हुआ है। उत्पादित पेंट के विक्रय से अब तक 47.71 लाख रूपए की आय अर्जित हुई है।


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