आभार सम्मेलन : साइंस कॉलेज मैदान, रायपुर

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हमने लक्ष्य रखा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को कलेक्टर दर मिले एवं मितानिन बहनों को ज्यादा परिश्रमिक मिले।

 

आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपए एवं मितानिन बहनों को 22 सौ रुपए देने की घोषणा की गई है।

 

जो काम हमारी मितानिन बहनें करती हैं, मुझे गर्व है मुझे बेहद खुशी एवं गर्व है कि ऐसे वर्ग के साथ मुझे काम करने का मौका मिला।

 

मितानिन बहनों के बिना स्वास्थ्य विभाग कार्य नहीं कर सकता। 

 

आपके मजबूत कंधों के सहारे स्वास्थ्य विभाग छत्तीसगढ़ दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं देने में सक्षम हो सकेगा।

 

24 घंटे आपकी उपस्थिति आपके क्षेत्र में रहती है। 24 घंटे हमारी बहनें छत्तीसगढ़ के लोगों की सेवा करती हैं।

 

हमारे भविष्य, हमारे बच्चों की देख-रेख हमारी आंगनबाड़ी की बहनें करती हैं।

हमारी बहनों की वजह से कुपोषण 37 फीसदी से घटकर 31 फीसदी हो गया है

 

प्रारंक्षिक शिक्षा और प्रारंभिक स्वास्थ्य एक बड़ी चुनौती है जिसमें आप बहनों के सहयोग की अपेक्षा होगी

 

जिस प्रकार से कुपोषण के खिलाफ आपने लड़ाई लड़ी उसी प्रकार से हमने मलेरिया के खिलाफ संघर्ष किया है

 

छत्तीसगढ़ में कभी लिंग भेद नहीं रहा और केरल के बाद हमारा प्रदेश दूसरे स्थान पर है

 

यहां कभी भी बेटियों को बोझ नहीं समझा गया, आज महिलाएं घर की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में लगी हुयी हैं 

हमने शासकीय कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया है, श्रमिकों को भी 7000 सालाना देने की शुरूआत की है

 

बेरोजगार साथियों को हम 2500 रूपए प्रतिमाह दे रहे हैं, मई दिवस पर हमने श्रमिकों के लिए बड़े फैसले लिए हैं

 

श्रमिक, शासकीय कर्मचारी, किसान व  बहनों के सम्मान में हमने कोई कसर नहीं छोड़ा है

1. 5000 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण किया जाएगा

 

2. पूरे प्रदेश में 14 नवंबर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका का सम्मान किया जाएगा

 

3. सक्षम योजना के अंतर्गत 1 लाख वार्षिक आय की सीमा को बढ़ाकर दो लाख किया जाएगा

 

 

4. महिला स्व सहायता समूह को अधिकतम 4 लाख ऋण की सीमा को बढ़ाकर 6 लाख रूपए किया जाएगा

 

 

 


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