हनुमान चालीसा पाठ करने से भाजपा नेताओं के मन में बैठी नफरत के भाव का नाश होगा- मोहन मरकाम

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भाजपा नेताओं के द्वारा हनुमान चालीसा पाठ करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से भाजपा नेताओं के मन मस्तिष्क में बैठी वैमनस्यता नफरत और कटुता के भाव का नाश होगा सद्बुद्धि आएगी और आम जनता की मूल समस्या बढ़ती महंगाई बेरोजगारी देश में गिरती अर्थव्यवस्था बिकती सरकारी कंपनियां रसोई गैस के बढ़ते दाम पेट्रोल डीजल की महंगाई जैसे विषयों पर चर्चा करने की हिम्मत जुटा पाएंगे। भाजपा और बजरंग दल की बजरंगबली भक्ति दिखावा मात्र है जब प्रतिबंध की बात आ रही तब हनुमान चालिसा के पाठ का ढोंग कर रहे है।

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अभी वर्तमान में कहीं भी बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगा है स्थिति और परिस्थिति के अनुसार प्रतिबंध लगाने की बातें कही गई है लेकिन भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश और देश की जनता को बताना चाहिए कि कर्नाटक और गोवा में भाजपा की सरकारों ने श्रीराम सेना पर बैन क्यों लगाया था? जो भाजपा जय श्री राम का नारा लगाती है श्री राम जी के नाम से वोट लेती है चंदा लेती है और सत्ता हासिल की थी उनकी ऐसी क्या मजबूरी थी कि उनको कर्नाटक में श्रीराम सेना पर बैन लगाना पड़ा था प्रदेश में भाजपा बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कह कर घृणा और नफरत की राजनीति करना चाहते हैं असल मायने में प्रदेश में भाजपा के पास मुद्दा नहीं है और जन समर्थन खो चुकी भाजपा अब झूठ बोलकर राजनीति करना चाहती है।

 

कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की वादाखिलाफी नाकामी और कर्नाटक में भाजपा की जो सरकार है उसकी 40 प्रतिशत कमीशन खोरी से कर्नाटक की जनता हताश और परेशान है।कर्नाटक में भाजपा से जुड़े हुए लोग भाजपा को छोड़कर भाग रहे हैं जनता ने मन बना लिया है कि कर्नाटक में भाजपा को बुरी तरह से परास्त किया जाएगा। जैसे 2018 के चुनाव में छत्तीसगढ़ में हुआ था 15 साल के सत्ता के बाद भाजपा 15 सीट में सिमट गई थी वैसे ही कर्नाटक में भाजपा का बुरा हाल होने वाला है 40 प्रतिशत कमीशन लेने वाली सरकार 40 सीट भी बचा ले तो बहुत बड़ी बात है।

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भगवान बजरंग बली त्याग, वीरता, समर्पण की प्रतिमूर्ति है। उन्होंने अपने आराध्य प्रभु श्रीराम जी की सेवा के लिये अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया था। वे विरोधियों के लिये भी दया का भाव रखते थे, विद्वेष, छल, कपट उनके व्यक्तित्व से कोसो दूर था। बजरंग दल का चरित्र धार्मिक अतिवाद का है। बजरंग दल समाज में भय और आतंक का पर्याय बना हुआ है। ऐसे में भाजपा और आरएसएस के राजनैतिक स्वार्थ के लिये देश में आपसी विद्वेष पैदा करने वाला संगठन भगवान बजरंग बली तो क्या उनके नाखून के बराबर भी नहीं हो सकता।


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