राजद्रोह कानून को निरस्त करने के खिलाफ विधि आयोग

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विधि आयोग ने कहा है कि देशद्रोह से निपटने वाली आईपीसी की धारा 124ए को बनाए रखने की जरूरत है और सिफारिश की है कि सजा को तीन साल की मौजूदा सजा से बढ़ाकर आजीवन कारावास या सात साल कर दिया जाए। इसने प्रारंभिक जांच के बाद ही देशद्रोह की प्राथमिकी दर्ज करने का सुझाव दिया। इसमें कहा गया है कि राजद्रोह का "औपनिवेशिक विरासत" होना इसे खत्म करने का वैध कारण नहीं है।


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