मुख्यमंत्री अखिल भारतीय वाल्मिकी समाज द्वारा आयोजित युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शामिल हुए

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महर्षि वाल्मिकी ने मन के शुद्धिकरण का कार्य किया। उन्होंने रामायण की रचना की और पूरी दुनिया को परिचित कराया, इसके माध्यम से समाज को बताया कि एक पिता-पुत्र का, भाई का भाई के प्रति और पति-पत्नी का क्या कर्तव्य है। महर्षि वाल्मिकी जैसे कई महापुरूष हमारे देश में जन्में जिन्होंने समाज को सद्मार्ग का रास्ता दिखाया। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कही। वे राजधानी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित अखिल भारतीय वाल्मीकी समाज द्वारा आयोजित युवक-युवती परिचय सम्मेलन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि वाल्मिकी समाज द्वारा इस प्रकार का कार्यक्रम पहली बार आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए समाज के पदाधिकारीगण बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि वाल्मिकी समाज स्वच्छता का कार्य करते हैं। यह पुण्य का कार्य है। स्वच्छता का अर्थ ही पवित्रता का है। यदि शरीर, मन के साथ आसपास के वातावरण में स्वच्छता रहेगी, तो हम स्वस्थ रहेंगे। 

 

श्री बघेल ने कहा कि समाज में शिक्षा से जागृति आती है, इसलिए हमारी सरकार ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल योजना की शुरूआत की, जिसके माध्यम से गरीब से गरीब परिवार का बच्चा उत्कृष्ट और अंग्रेजी में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवक-युवती परिचय सम्मेलन के बाद विवाह की जिम्मेदारी आती है, इसलिए हमने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए राशि बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दी है। हमने राम वन गमन पर्यटन परिपथ का कार्य कर रहे है। तुरतुरिया आश्रम में सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। 

 

इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, भवन सर्न्न्मिाण कर्मकार मण्डल के अध्यक्ष श्री सन्नी अग्रवाल और वाल्मिकी समाज के पदाधिकारीगण और समाज के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


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