राज्य में खाद, बीज और पौध संरक्षण औषधियों की गुणवत्ता की जांच का अभियान जारी

feature-top

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खरीफ सीजन के मद्देनजर किसानों को उनकी डिमांड के अनुरूप मानक स्तर के खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि खरीफ सीजन की शुरूआत हो चुकी है। किसानों को बेहतर क्वालिटी का खाद और बीज समय मिले, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। इसमें किसी भी तरह की कमी अथवा लापरवाही नहीं होना चाहिए।  

 

मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में राज्य के किसानों को मानक स्तर का खाद-बीज और पौध संरक्षण औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग द्वारा विक्रेता संस्थानों से सेम्पल लिए जाने का अभियान तेजी से शुरू कर दिया गया है। कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने इलाकों में बीज, खाद और कीटनाशक औषधियों के सेम्पल ले रहे हैं, जिसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में की जा रही है। खरीफ सीजन 2023 में अब तक बीज के 1712, रासायनिक उर्वरकों के 698 तथा पौध संरक्षण औषधियों के 84 सेम्पल एकत्र कर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच के लिए गुण नियंत्रण प्रयोगशाला को भेजा जा चुका है। 

 

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुण नियंत्रण प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट में बीज के 16, उर्वरक के 14 और पौध संरक्षण औषधि के 3 सेम्पल अमानक पाए गए हैं। अमानक पाए गए सेम्पल के लाट की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाए जाने के साथ ही संबंधित फर्माें के संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है। खरीफ फसलों के बीज के अब तक 1712 सेम्पल लिए गए है, जिसमें से 1518 सेम्पल के विश्लेषण में 1502 सेम्पल मानक स्तर के और 16 अमानक स्तर के पाए गए हैं। अभी 194 सेम्पल की प्रयोगशाला जांच प्रक्रियाधीन है। इसी तरह उर्वरकों के लिए गए 698 सेम्पल को प्रयोगशाला में भेजकर जांच कराने का 422 सेम्पल मानक स्तर के तथा 14 अमानक स्तर के पाए गए हैं। उर्वरकों के 219 सेम्पल की जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है, जबकि 43 सेम्पल कतिपय कारणों से निरस्त कर दिए गए हैं। पौध संरक्षण औषधि के संग्रहित 84 सेम्पल में से 30 सेम्पल मानक स्तर के, 3 अमानक स्तर के पाए गए हैं तथा 37 सेम्पल की जांच अभी प्रक्रियाधीन है। कतिपय कमियों के चलते पौध संरक्षण औषधि के 14 सेम्पल निरस्त कर दिए गए हैं।


feature-top