मणिपुर में राहुल को रोकना मोदी सरकार का आलोकतांत्रिक कृत्य-कांग्रेस

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कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को मणीपुर में इंफाल के रिलीफ कैंप के बाहर रोकने तथा रिलीफ कैंप में उपस्थित जनसमुदाय से मिलने से रोकना मोदी सरकार का आलोकतांत्रिक कदम है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि राहुल गांधी का मणिपुर दौरा भारत जोड़ो यात्रा की मूल भावना के अनुरूप शांति और सद्भावना की स्थापना के लिये था। राहुल गांधी मणिपुर के लोगों की दुख दर्द सुनने और समझने गये है। भाजपा उनके इस प्रयास को बाधित करने की कोशिश कर रही है। मणीपुर महीनों से जल रहा वहां की राज्य सरकार और केंद्र की मोदी सरकार मणीपुर के मामले में निष्क्रिय बनी हुई है। देश का एक हिस्सा जल रहा हमारे ही भाई-बहन आपसी द्वंद में मारे जा रहे देश की सत्ता रूढ़ दल वहां शांति स्थापना के लिये कोई पहल नहीं कर रहा है।

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने हैरानी जताई कि मणिपुर जल जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा को लेकर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग अभी भी अवरुद्ध है और आवश्यक वस्तुओं की कमी है, जिससे भुखमरी पैदा हो सकती है। मणिपुर में स्थिति लगातार बिगड़ रही है और राज्य के एक मंत्री के घर में आग लगा दी गई थी। जब एक मंत्री और उसका घर ही सुरक्षित नहीं है, तो मणिपुर में और कौन सुरक्षित महसूस कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में 50,000 लोग बेघर हो गए हैं और प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा करने की जहमत नहीं उठाई और वहां की स्थिति के बारे में बात करने की भी जहमत नहीं उठाई।

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मणिपुर हिंसा में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। स्कूल, कॉलेजों समेत हजारों इमारतें जलकर राख हो गई हैं। मगर प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर की बिल्कुल भी चिंता नहीं है। आज मणिपुर हिंसा को दो महीने हो गए, मगर प्रधानमंत्री के मुंह से हिंसा की भर्त्सना और शांति की अपील तक नहीं निकली है। हिंसा को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ही मौजूद नहीं थे। प्रधानमंत्री मोदी के पास प्रचार-प्रसार करने, विदेश घूमने और मेरा बूथ सबसे मजबूत करने का समय है। जेपी नड्डा के पास राजस्थान जाकर झूठ परोसने का वक्त है। मगर इनमें से किसी के पास मणिपुर की जनता का हाल जानने और उनके आंसू को पोछने का वक्त नहीं है। अब जब राहुल गांधी जनता की पीड़ा और दुख दर्द जानने के लिए मणिपुर जा रहे हैं तो उन्हें रोका जा रहा है। यह सब मणिपुर की भाजपा सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के इशारे पर हो रहा है। असलियत तो यह है कि नफरत से भरा तानाशाह प्यार से डरता है और प्यार के विरोध में खड़ा है।


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