रीपा में तैयार हो रही है स्टेशनरी सामग्री

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प्रदेश सरकार महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के माध्यम से राज्य के महिलाओं, युवाओं को रोजगार के साथ ही उद्यमियों को अवसर देने का काम कर रही है। शासन के इन प्रयासों से लोग आर्थिक रूप सशक्त हो रहे हैं। रीपा में स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। आजीविका मूलक गतिविधियों से पर्याप्त रोजगार भी सृजित हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस पहल की सफल संचालन से इसका विस्तार शहरी क्षेत्रों में भी किया गया है। 

 

*स्टेशनरी सामग्री बनाने का काम कर रहे हैं युवा*

 

बेमेतरा जिले के सांकरा ग्राम के युवा रीपा में स्टेशनरी सामग्री बनाने का काम कर रहे हैं। रीपा में स्टेशनरी-प्रिंट यूनिट स्थापित की गई है। जिसमें युवा विकास समिति ग्राम सांकरा के 10 युवा कार्यरत हैं। समिति की सचिव देवमति साहू ने बताया कि पड़ोसी जिला दुर्ग से कच्चा माल लाकर वे विभिन्न स्टेशनरी उत्पाद जैसे कॉपी, रजिस्टर, डायरी, फ़ाईल, पम्पलेट बना रहें हैं। रीपा में तैयार उत्पाद को सरकारी और ग़ैर सरकारी कार्यालयों, स्कूल, शाला-आश्रमों में मांग अनुसार उपलब्ध करा रहे है। उन्होने बताया कि हाल ही में जनपद पंचायत बेरला से उन्हें माप पुस्तिका, फाईल कव्हर, फाईल पेड, रजिस्टर के पांच हजार नग का ऑर्डर मिला है। वहीं शिक्षा विभाग, बेरला से भी 250 नग रजिस्टर फाईल कव्हर, फाईल पेड सहित अन्य सामग्री के लगभग 500 नग ऑर्डर मिले हैं। समिति के अध्यक्ष श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि यह यूनिट हाल ही में स्थापित की गई है। इसलिए वे इसकी मार्केटिंग भी कर रहे हैं, ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिले जिससे उन्हें ज्यादा आर्डर मिल सकें। उनके प्रयासों से स्थानीय बाजार एवं कार्यालयों से अच्छा प्रतिसाद मिला है और उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर भी सराहना हुई है। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर व सामाजिक उत्थान के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। समिति के सदस्यों का कहना है कि रीपा के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। ग्रामीण युवक-युवतियों को नए कौशल सीखने का अवसर मिल रहा है और उनका आत्म विश्वास भी बढ़ा है। अन्य युवाओं के लिए यह प्रेरणादायी भी साबित हो रही है। सदस्यों ने इस पहल के लिए राज्य सरकार का आभार भी व्यक्त किया।


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