विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 6032 करोड़ रूपए का पहला अनुपूरक बजट पारित

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 6031 करोड़ 75 लाख 2 हजार 977 रूपए का पहला अनुपूरक बजट पारित किया गया। पहले अनुपूरक बजट में राजस्व, गृह, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण आवास, सहित विभिन्न मदों में अतिरिक्त राशि का प्रावधान रखा गया है। इस राशि को मिलाकर अब वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्य बजट का आकार 01 लाख 27 हजार 532 करोड़ रूपए हो गया है। पहले अनुपूरक बजट में 2976 करोड़ रूपए राजस्व व्यय तथा पूंजीगत व्यय हेतु 3054 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।

 

  गौरतलब है कि वर्ष 2023-24 के मुख्य बजट में 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है और अब प्रथम अनुपूरक बजट में 6 हजार 31 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पहले अनुपूरक बजट को प्रस्तुत करने के दौरान सदन को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष शुरूआती दिनों में कम वर्षा ने चिन्ता बढ़ाई थी, किन्तु अब अच्छी बारिश हो रही है, जिससे इस वर्ष अच्छी फसल की पूरी संभावना है। यह भी अच्छी बात है कि पिछले कुछ वर्ष में अकाल की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। सभी मध्यम एवं बड़े बांधों में 60 से 65 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश में राजस्व आधिक्य की स्थिति रही है और वर्तमान में भी छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति काफी अच्छी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुगम सड़क योजना के बेहतर क्रियान्वयन और आवश्यकता को देखते हुए अनुपूरक बजट में 100 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। 

 

 इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 200 करोड़, रोजगारमूलक एवं आजीविका मूलक योजनाओं के लिए 156 करोड़, खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत राशन दुकान के संचालक के लिए 95 करोड़ रूपए, सुपोषण अभियान के अंतर्गत फोर्टिफाईड चावल के वितरण के लिए 76 करोड़ रूपए का अनुपूरक बजट में अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संरचनाओं के विकास के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किए गए है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रायगढ़, बिलासपुर और अम्बिकापुर में एमबीबीएस की 50-50 सीटे बढ़ाने पर होने वाले अतिरिक्त व्यय के लिए अनुपूरक बजट में 45 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह शैक्षणिक संस्थाओं के उन्नयन और अधोसंरचनाओं के विकास के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है। 

 

*अनुपूरक बजट के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की 2000 करोड़ रूपए की महत्वपूर्ण घोषणाएं*

 

 प्रदेश के लगभग 5 लाख शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। इस प्रकार मूल वेतन पर अब तक कुल 42 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो चुकी है। 4 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होने से 800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 37000 संविदा कर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत वृद्धि की गई है। इससे 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। दैनिक वेतन भोगी के वेतन में 4000 रुपए मासिक वृद्धि की गई है। इससे 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 1650 अतिथि शिक्षकों के मानदेय में 2 हजार रुपए मासिक की बढ़ोत्तरी की गई है, इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार पर पड़ेगा। 

 

 6000 पटवारियों को 500 रुपए मासिक संसाधन भत्ता, इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। सभी शासकीय सेवकों को 7वें वेतनमान पर बी श्रेणी शहर हेतु 9 प्रतिशत एवं सी तथा अन्य शहरों हेतु 6 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा। इससे 265 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। सभी पुलिस आरक्षकों को 8000 रुपए किट वार्षिक भत्ता दिया जाएगा। इसका 40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। मितानिन ट्रेनर, ब्लॉक कोआर्डिनेटर एवं हेल्प डेस्क ऑपरेटर को प्रतिदिन दैनिक प्रोत्साहन भत्ता 100 रुपए दिया जाएगा। इससे 11 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 10 हजार पंचायत सचिवों को 2500 से 3000 रुपए मासिक दिया जाएगा। इससे 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 

 

 इसके अतिरिक्त उन्हें अर्जित अवकाश, 10 लाख रुपए तक की उपादान राशि एवं 05 लाख रुपए तक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का लाभ भी दिया जाएगा। शासकीय सेवकों के लिए उपरोक्त घोषणाओं से कुल 1764 करोड़ रुपए का व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत अधिकतम सहायता राशि की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है। सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से जरूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृत करने में कठिनाई हो रही थी। इसे दूर करने राज्य के संसाधनों से ग्रामीण आवास न्याय योजना आरंभ की जाएगी। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।


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