लोकतंत्र अशांति के लिए नहीं : जगदीप धनखड़

feature-top

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, "लोकतंत्र जनता की भलाई के लिए संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श और बहस के बारे में है। निश्चित रूप से, लोकतंत्र व्यवधान , अशांति और उपद्रव के बारे में नहीं हो सकता।"


feature-top