क्या है 'जूस जैकिंग', सार्वजनिक चार्जिंग पोर्ट के जरिए किया जाने वाला घोटाला

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'जूस जैकिंग' घोटाला तब होता है जब धोखेबाज सार्वजनिक स्थानों पर चार्जिंग पोर्ट की मदद से लोगों को धोखा देते हैं। इसमें चार्ज करते समय उपयोगकर्ता के डिवाइस में सीधे मैलवेयर इंजेक्शन शामिल होता है, जिससे स्कैमर्स को पीड़ित के डिवाइस पर नियंत्रण मिल जाता है। दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर कनेक्टेड डिवाइस से संवेदनशील डेटा एकत्र करना शुरू कर सकता है। आरबीआई ने भी अपनी बुकलेट में इस घोटाले को लेकर आगाह किया है l


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