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मंत्री मोहन मरकाम की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय आवासीय एवं आश्रम संस्थान समिति ’संचालक मण्डल’ की बैठक
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प्रदेश में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में कक्षा 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को जेईई और नीट प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाईन कोचिंग की सुविधा दी जाएगी। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री मोहन मरकाम की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम संस्थान समिति ’संचालक मण्डल’ की बैठक में इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। बैठक में एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य एवं स्टाफ का राज्य समिति के अनुमोदन से ही स्थानांतरण करने पर सहमति दी गई।
मंत्री श्री मोहन मरकाम ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। यदि विद्यालय विषय-विशेषज्ञ पर्याप्त संख्या में नहीं है, तो नियमानुसार अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाए। इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए शिक्षकों की क्षमता विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाए और समय-समय पर विद्यालयों के अध्ययन-अध्यापन की समीक्षा भी की जाए।
बैठक में बताया गया कि शिक्षण सत्र 2023-24 में 25 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में कक्षा 12वीं कक्षाएं संचालित है। कक्षा 12वीं में अध्ययनरत 1474 विद्यार्थियों में से कक्षा 12वीं में जीव-विज्ञान के लगभग 982 विद्यार्थियों और गणित संकाय के लगभग 492 अध्ययनरत विद्यार्थियों को जेईई और नीट की प्रवेश परीक्षा की तैयारियों हेतु ऐसे विद्यालय जहां हाई स्पीड इंटरनेट स्थापित है, वहां ऑनलाईन कोचिंग दी जाएगी। वर्तमान में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में 22860 विद्यार्थियों के लिए गणवेश की आवश्यकता है। शाला गणवेश के लिए केव्हीआईसी के स्थान पर राज्य के स्थानीय बुनकरों को प्रोत्साहन देने के लिए हाथकरघा विकास विपणन संघ मर्यादित रायपुर को कार्यादेश दिए जाने के प्रस्ताव को कार्योत्तर अनुमोदन दिया गया। इसके साथ ही एकलव्य विद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षण सत्र 2023-24 में प्रयास आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिए जाने का भी अनुमोदन किया गया।
सचिव श्री डी.डी. सिंह ने आदिम जाति कल्याण, आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान संचालन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति ने नई दिल्ली से केन्द्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत प्राप्त राशि से यह योजना संचालित है। इसका मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्वक शिक्षा उपलब्ध कराकर सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के समकक्ष लाना, उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत कर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो इसके लिए कक्षा 6वीं से 12वीं तक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रारंभ किए गए हैं। वर्ष 2018-19 से इन विद्यालयों में सीबीएसई के पाठ्यक्रम अनुसार अध्यापन कराया जा रहा है।
आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने बताया कि शिक्षण सत्र 2023-24 में प्रदेश में संचालित कुल 74 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में 22 हजार 860 सीट स्वीकृत हैं, जिस पर प्रवेश की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बैठक में एकलव्य विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए वनभूमि का चिन्हांकन एवं आबंटन की स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही नवीन एकलव्य विद्यालय के
लिए चिन्हांकित की गई वन भूमि की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली गई।
एकलव्य विद्यालय में एनआईसी-एसआई के माध्यम से आउटसोर्स से लेखापाल रखे जाने की समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में आउटसोर्स के माध्यम से लेखापाल रखे जाने के लिए प्रस्तावित 74 पदों के विरूद्ध 24 लेखापाल रखे गए हैं, शेष के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके अलावा एनआईसी-एसआई मंत्रालय रायपुर से मल्टी टास्किंग स्टाफ रखने का अनुमोदन किया गया।
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