भारत में चीनी फंडिंग, तहकीकात की अभी शुरुआत

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न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक खोजी रिपोर्ट में, एक चीनी साजिश का पर्दाफाश किया है जिसमें एक अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को  भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका व कई अन्य अफ्रीकी देशों में चीनी राज्य मीडिया प्रचार प्रसार के लिए एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया गया था। 

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को NYT रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि चीन से जुड़ी सिंघम की कंपनियां भारत में एक न्यूज पोर्टल न्यूज़क्लिक को फंडिंग कर रही थीं। NYT की रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यूज़क्लिक एक वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा था जिसे भारत में चीनी प्रचार फैलाने के लिए सिंघम की कंपनियों से धन प्राप्त हुआ था।

सिंघम शिकागो स्थित सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी फर्म थॉटवर्क्स के संस्थापक थे, और वर्तमान में शंघाई, चीन में कार्यालय स्थान की मेजबानी कर रहे हैं। ऐसे आरोप हैं कि सिंघम ने उन समूहों को लाखों डॉलर दिए जो विश्व मुद्दों पर चीनी सरकार के रुख का समर्थन करते हैं। कुछ "शहरी नक्सलियों", कुछ स्वयंभू बुद्धिजीवियों और कुछ भारतीय पत्रकारों के बारे में भी खबरें हैं जिन्हें चीनी धन प्राप्त हुआ। ये भारतीय समूह और व्यक्ति हमारी सरकार के खिलाफ खबरें प्लांट करते थे और इनमें से एक कंपनी को चैनलों से 38 करोड़ रुपये की धनराशि मिली।

भारतीय जांच एजेंसियों ने तीन साल पहले न्यूज़क्लिक की फंडिंग के स्रोत की जांच की थी और उस समय कांग्रेस, वामपंथी दलों और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार मीडिया में असहमति की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है।

 


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