विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सरगुजा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का सम्बोधन

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विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सरगुजा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस छत्तीसगढ़ के हर जिले में उत्सव मनाया जा रहा है

 

हमने विश्व आदिवासी दिवस के दिन छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की, उसके बाद से आदिवासी समाज के लोग बढ़-चढ़कर विश्व आदिवासी दिवस मनाते हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं। 

 

आज के दिन हमारे छत्तीसगढ़ सरकार ने त्यौहार मनाने के लिए हर पंचायत ₹10,000 की राशि देने का फैसला किया हर वर्ष, जिसकी दूसरी किस्त आज जारी हुई है।

 

इससे सभी पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित होगा। पंचायत के द्वारा पर्वों उत्सवों में इस पैसे को खर्च किया जाएगा।

हमने तेंदूपत्ता खरीदी के साथ 67 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी कर रहे हैं। 

 

हमने कोदो, कुटकी रागी का समर्थन मूल्य घोषित कर रखा है, आज वनोपज का रकबा बढ़ा है।

हमने वनों में रहने वाले, खेतों में रहने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया है। 

 

हर परिवार को राशन कार्ड दिया है। आज पंचायत में एसडीएम को आवेदन देने पर तत्काल राशन कार्ड बन रहे हैं। 

 

हमने सबके जाति प्रमाण पत्र बनाए, लाखों की तादाद में जाति प्रमाण पत्र बने। कोई यह नहीं कह सकता कि मैं आवेदन दिया और मेरी जाति प्रमाण पत्र नहीं बना।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि 5,633 ग्राम पंचायतों के खाते में 2 करोड़ 81 लाख 65 हजार रुपए डाला गया है।

 

आज तेंदूपत्ता की बात होती है, हमने इसकी राशि 2500 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए किया। आज तेंदूपत्ता संग्राहकों को हमें बोनस देने का फैसला किया।आज के बाद से जो तेंदूपत्ता संग्राहक हैं उनके खाते में पैसा पहुंच जाएगा।

 

इसी प्रकार से वन प्रबंधन समिति को 44 करोड़ रुपए का लाभांश राशि का वितरण भी आज उनके खातों में किया गया। 

 

आज सरगुजा में 333 करोड़ 35 लाख रुपए के विकास कार्यों के भूमिपूजन, लोकार्पण किया गया।

 

हमारी सरकार बनते ही जो सबसे पहले काम हम लोगों ने किया वह किसानों के ऋण माफी से लेकर ₹2500 क्विंटल में धान खरीदी का।

 

छत्तीसगढ़ की सरकार पहली सरकार है जिसने भूमि अधिग्रहण बिल पारित होने के बाद सबसे पहले आदिवासियों की जमीन लौटाई है।

 

लोहंडीगुड़ा के बस्तर में हमने 1700 किसानों का 4200 एकड़ जमीन लौटाई है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने फैसला लिया कि यदि पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है तो नवजात शिशु को भी जाति प्रमाण पत्र तुरंत मिलेगा। 

 

स्वास्थ्य के क्षेत्र में जहां बच्चे कुपोषित हैं, लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं, मलेरिया के प्रकोप से पीड़ित हैं, ऐसे में हाट बाजार क्लिनिक योजना से लेकर जिला अस्पताल, प्रदेश के अस्पतालों को सुधारने का काम, डॉक्टर और नर्सों की भर्ती करने का काम लगातार चला है। 

 

मेडिकल कॉलेज की संख्या में वृद्धि हुई है। पहले 6 थे अब 14 हो जाएंगे, चार हमारे कार्यकाल में खुले हैं। चार और स्वीकृत हमने कर दिए हैं। 

 

इसी प्रकार से शिक्षा में गांव, शहर गरीब, मध्यम वर्गीय सभी बच्चों को शिक्षा में बहुत पैसा लगता है, हमने बिना शुल्क के निशुल्क पढ़ाई के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल शुरू किए।

 

स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ ही हमने बेरोजगारी भत्ता में ढाई हजार रुपए देने का निर्णय किया। इस योजना में हमने मात्र 4 महीने में ही 112 करोड रुपए बांट दिए हैं।


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