डेटा संरक्षण विधेयक : 'स्थायी आधार पर आपातकाल' लगाने का प्रयास - मोइली

feature-top

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने संसद द्वारा पारित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह कानून "प्रतिगामी आधार" है और इसका उद्देश्य "स्थायी पर आपातकाल लगाना" है।

विधेयक व्यक्तिगत डेटा के संग्रह और प्रसंस्करण के लिए कई अनुपालन आवश्यकताओं का परिचय देता है और किसी भी डेटा उल्लंघन के लिए ₹250 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान करता है। इसे बुधवार, 9 अगस्त, 2023 को संसद द्वारा पारित किया गया।

श्री मोइली ने कहा कि कानून व्यक्तियों के बारे में सभी व्यक्तिगत डेटा को छूट देने के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है, जिसका अर्थ यह भी होगा कि सरकारी अधिकारी और मंत्री आरटीआई आवेदनों के जवाब में खुलासा नहीं करने का विकल्प चुन सकते हैं।

पूर्व कानून मंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आरटीआई कानून द्वारा लाई गई पारदर्शिता को छीन लिया है और इसके उद्देश्य को ही विफल कर दिया है।


feature-top