100 मीटर दौड़ की शहजादी

लेखक - संजय दुबे

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महिलाएं अक्सर पुरुषो से कंधा मिलाकर चलना चाहती है लेकिन उन्हें हमेशा रोका गया इसके बावजूद वे प्रतिरोध की औऱ निखर कर सामने आई है। जहां ओलंपिक खेलों में महिलाओं को 1928 ओलंपिक( सात ओलंपिक खेलों के बाद) में 100 मीटर दौड़ में हिस्सेदारी मिली लेकिन विश्व एथलेटिक्स चेम्पियनशिप में बराबरी के साथ 1983 में मौका मिला। जमैका की शैली एन फ्रेजर प्राइज इकलौती धावक है जिन्होंने सर्वाधिक 5 बार(2009,2013,2015,2019 औऱ 2022) विश्व एथलेटिक्स चेम्पियनशिप मेंगोल्ड मेडल जीत कर धमाका किया है। 35 वर्ष की आयु में शैली जो एक बच्चे की मां भी है उन्होंने 2022 में10.67 सेकंड निकाल कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है। शैली ने 2008 औऱ 2012 में ओलंपिक खेलों में भी गोल्ड मेडल जीता है। शैली के अलावा गेल डेवर्स दूसरी महिला है निन्होने 1992 और 1996 में ओलंपिक के गोल्ड मेडल औऱ 1993 का विश्व एथलेटिक्स चेम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता है।

 मेरियन जोंस 1997 औऱ1999 में विश्व एथलेटिक्स चेम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है।

 मर्लिस ओल्सनर गोहर(1983),सिल्के ग्लेडिश मोलर(1987) कैटरीन क्रेबे(1991)गवेन्स टोरेस(1995) झन्ना पिंटू सेविच ब्लॉक(2001) टोटी एडवर्ड्स(2003) लॉरेंस विलियम्स(2005) वेरोनिका केम्पबेल ब्रॉउन(2007) कोमेलिटा जेटर(2011) और टोरी बॉबी(2017) अन्य महिला धावक है जिन्होंने विश्व एथलेटिक्स चेम्पियनशिप में गोल्ड मैडल जीता है।

2023के स्पर्धा में जमैका की शेरिका जेम्सन औऱ एलिन टामसन हेरथ के साथ साथ सेंट लुसिका की जूलियन अल्फ्रेड कड़े मुकाबले के लिए तैयार है


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