मोदी राज में महंगाई चरम पर वस्तुओं के दाम दुगुने हो गये - दीपक बैज

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने देश में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि महंगी गैस, महंगा तेल, थोक और खुदरा महंगाई आजादी के बाद सर्वोच्च शिखर पर है, सिर्फ सत्ता की भूख में मोदी सरकार आम जनता की कमर तोड़ रही है, फिर भी महंगाई से देशवासियों को लूटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है। पेट्रोल-डीजल 100 के पार, रसोई गैस 1177, खाने का तेल 200 के पार। आम जनता बेबस और लाचार है पर मोदी सरकार केवल अपने चंद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे की सोच रही है। मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी विगत 7 साल में 258 परसेंट बढ़ाया है और डीजल पर 820 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इन तमाम आंकड़ों के बावजूद मोदी सरकार द्वारा महंगाई को झूठलाया जाना यह प्रदर्शित करता है कि महंगाई को काबू करना मोदी सरकार के बस में नहीं है।

 

पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज नें कहा कि 2013 में कांग्रेस की मनमोहन सरकार के समय राशन सामाग्री और पेट्रोल-डीजल के दाम और वर्तमान मोदी सरकार के समय आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगभग दुगुनी हो गयी हैं।

 

2013 से 2023 तक वस्तुओं के दाम दोगुनी हो गए                      

आटा (10 किलो)210 रुपये. से 440 रुपये हो गया चावल 30-36 रु. किलो. से 50-65 रु. किलो हो गया फूल क्रीम दूध 39 रुपये. से 66 हो गया रुपये देसी घी 300 रुपये से 875 रुपये हो गया सरसों तेल 52 रुपये 260 रुपये हो गया अरहर दाल 70-80 रुपये. से 160-170 रुपये रसोई गैस 410 रुपये. से1177 रुपये पेट्रोल 66 रुपये. से 97 रुपये डीजल 52 रुपये. से 92 रुपये रिफाइंड तेल 68 रुपये.से 148 रुपये फल्लीदाना 60 रुपये.से 135 रुपये उड़द दाल 64 रुपये. 120 रुपये मूंग दाल 62 रुपये. से 130 रुपये मसूर दाल 47 रुपये से 90 रुपये चना दाल40 रुपये से 66 रुपये, जीरा 220 रुपये से बढ़ कर 450 रुपये हो गया गेहू22 रुपये से. 32-36 रुपये हो गया 

 

विभिन्न साबुनों मे 22 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुआ।दवाई में 32 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गया

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। देश की जीडीपी 8.2 से गिरकर 5.7 हो गयी है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड़ने से आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 3 गुना बढ़ चुका है। विगत 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 12 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है। मोदी राज में विगत एक माह में ही विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 26 बिलियन डालर कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2014 की तुलना में 20 परसेंट कम होने के बावजूद डीजल और पेट्रोल 30 से 40 रुपए प्रति लीटर महंगे बेचे जा रहे हैं। थोक और खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा तय सीमा से लगातार ऊपर है लेकिन मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है।


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