भरोसे का सम्मेलन : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का संबोधन

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आज भरोसे के सम्मेलन में आप सभी के बीच हम उपस्थित हुए हैं। यहां खूब बारिश हो रही है। अन्नदाता बहुत खुश है। अब तक 4 भरोसे का सम्मेलन हो चुका है। आज हमारे बीच खड़गे जी पुनः आये हैं। यह मुक्तिबोध की धरती है। हमारे लोककलाकारों की धरती है।

. राजनांदगांव संस्कारधानी है। यहाँ से निकले बड़े कलाकारों को नमन करता हूँ। 

. सबका राशन कार्ड बन रहा है। किसी का राशन कार्ड कट नहीं रहा है। नई बहू आ गई, परिवार अलग हो गया तो भी राशन कार्ड बन रहा है। आदिवासी क्षेत्र में गुड़ बंट रहा है। किसी गरीब को अनाज के बिना तकलीफ नहीं हो रही है। हम किसानों से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान भी खरीदेंगे। 

. कोरोना महामारी के बावजूद हमने किसानों से धान की खरीदी जारी रखी। हम हमेशा किसान, मजदूर के हित में काम करते हैं। हम दो रुपए में गोबर खरीदते हैं। आज गौपालक हो, किसान हो, बेरोजगार साथी हो, हम सबको पैसा देते हैं। हम हर पंद्रह दिन में डीबीटी के माध्यम से पैसा देते हैं। हर तीन महीने में किसानों के खाते में पैसे डालते हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों को पैसा भेजते हैं। बेरोजगारों को हर महीने पैसे देते हैं।

. हम आम जनता को ताकतवर बनाने का काम करते हैं। हमने फैसला किया है कि सात लाख लोगों को पक्की छत देना है। हमने अभी जो सामाजिक आर्थिक सर्वे कराया है उसमें 47 हजार लोग ऐसे मिले हैं जिन्हें मकान चाहिए, उन्हें हम मकान दिलाएंगे।

. हमने शिक्षा के क्षेत्र में भी बढ़िया काम किया है। 30 हजार शिक्षकों की भर्ती की है। पुरानी पेंशन स्कीम लांच की है। कोटवारों, मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया है।

. हम अपने त्योहारों पर अवकाश दे रहे हैं। बहुत सुंदर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन कर रहे हैं। राजीव युवा मितान क्लब के सदस्य इनके आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।

. छत्तीसगढ़ को सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से समृद्ध करने का काम हम लोग करेंगे।


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