सावधान एसपी अवइया हे

लेखक : संजय दुबे

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1992 में देश मे तीन स्तर के पंचईयती राज के बिहान होइस। ग्राम पंचईयत, जनपद पंचईयत, अउ जिला पंचईयत में सरकार ह महिला मन के दरकार ल समझिस।33 प्रतिशत सीट ल आरछन कर दिस। बैइठे बैइठे देश भर के  लगभग साढ़े पांच ग्राम पंचयईत में से 1 लाख 71 हज़ार आदमी मन के पंचइयत सहित हजारों जनपद पंचइयत सहित सैकड़ो जिला पंचईयत ले आदमी मन 5 साल भर बारी बारी बाहिर हो गे। अतेक बड़े जुलुम हो गे तो आदमी मन बर राजनैतिक बेरोजगारी हो गे।


गाँव मे सरपंच ह आदमी रिहिस तो ओकर घरवाली ह सरपंचीन कहिलाए।  सरपंचीन ह सरपंच हो गे तो शादीशुदा सरपंचीन के आदमी ह सरपंच तो नही कहिलाइ! अइसने जनपद पंचईयत, जिला पंचईयत घलो के  आदमी मन ह का कहिलाही?


 हम अन एक पोस्ट ल बचपन ले सुने रहेन एस. पी साहब, ये साहब ह देश के सबले बड़े परीछा यूपीएससी देके पास होवइया में जो मन ह कलेक्टर साहब ले पीछे हो जथे वो मन ह एस.पी  बनथे। ये ह जिला में कप्तान घलो कहिलाथे। 


जब ले पंचईयती राज ह आये हैं  देश के 33 प्रतिशत ग्राम पंचईयित, जेमा शादीशुदा सरपंचीन है वहां देखत देखत एस पी मन के भीड़ बाड़ गे। एक जिला में 400 पंचईयित है तो सवा सौ एस पी। पुछेन तो पता चलिस के पुलिस वाले सुप्रिडेंट नही हे बल्कि सरपंच( सरपंचीन) पति हे। भले ही महिला सरपंचीन हो गे लेकिन कामकाज ल एसपी देखत हे। एक ठो बेग में लेटर पेड, सील, अउ खुदे  ह नाम लिख के घलो दस्खत भी करईया। अंधा चाहे दु आंख। शरम घलो नई आय, फक्र ले बताथे एसपी फलाना गाँव के हो, ह पीपी होंगे प्रेसिडेंट पति।
पहली औरत कमाए अउ आदमी खाये तो गाँव भर म हंसी ठिठोली होय।अब सब्बे जगह एस पी, जेपीपी, पीपी होंगे तो शरम लिहाज घलो सिरा गे।


 मोदी जी ह  लोकसभा, विधानसभा म 33 प्रतिशत आरछन के कानून ल बनईया है। लोकसभा राज्यसभा में पास हो गे है।राष्ट्रपति ह दस्खत करही त ले कानून बन जाही। 179 सीट(अभी के 543 के हिसाब ले) अउ देश भर के विधानसभा के 4000 सीट ले 1320 सीट महिला मन के हो ज़ही।याने अतेक में आदमी मन  लार चुचुवात रही। सांसद महिला बनही तो ओकर पति घलो एस पी( सांसद पति) अउ विधायक के पति ह वीपी कहिलाही।लाहो ले के बारी आ गे है


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