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राष्ट्रीय सेवा योजना का स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह आयोजित
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषक सभागार में आज उच्च शिक्षा विभाग के तहत संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना का स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वर्ष 2022-23 के राज्य स्तरीय सेवा योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्यक्रम अधिकारी, संस्था एवं स्वयंसेवकों को पुरस्कार राशि के तौर पर कुल मिलाकर 3 लाख रूपए की चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। समारोह में छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. आर.एस.कुरिल विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना 24 सितंबर 1969 को हुआ था। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत लगभग एक लाख 4 हजार स्वयंसेवक जुड़े है।
छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा ने राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत चलाए जा रहे कार्यो की सराहना की। उन्होंने सभा में मौजूद राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक, कार्यक्रम अधिकारी एवं कार्यक्रम समन्वयक को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना के तहत छात्र-छात्राएं शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन सहित आपदा एवं विकट परिस्थितियों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। एन.एस.एस. युवाओं का संगठन हैं इसमें शामिल युवाओं में संगठात्मक क्षमता, नेतृत्व कौशल का विकास होता है। इसमें शामिल छात्र अनेक सामुदायिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। जिससे उनके व्यक्तित्व में निखार आता है और उनमें परोपकार की भावना का विकास होता है। उन्होंने कहा कि एन.एस.एस. के कार्यक्रमों में योग को शामिल किया गया है। श्री शर्मा ने लोगों से योग को दिनचर्या में शामिल करने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रतिदिन योग करने से शारीरिक एवं मानसिक क्षमता का विकास होता है और हम जो जीवन में हासिल करना चाहते हैं उसे हासिल कर सकते हैं।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का नारा ‘‘मैं से पहले हम‘‘ संगठन को और भी मजबूत बनाता है। एन.एस.एस. के जुड़े स्वयंसेवक रक्तदान, वृक्षारोपण, जागरूकता से संबंधित कार्य सहित आपदा के समय अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि एन.एस.एस. के तहत चलाए जा रहे कार्यों से छात्रों में व्यक्तित्व का विकास होता है। अगर व्यक्ति में शैक्षणिक प्रगति के साथ-साथ व्यक्तित्व का भी विकास हो तो वह जो बनना चाहे बन सकता हैं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 2004 से एन.एस.एस. की शुरूआत हुई। आज विश्वविद्यालय के 5 हजार से ज्यादा छात्र-छा़त्राएं इस संगठन से जुड़कर देश व समाज के प्रति अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एन.एस.एस. से नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। इसमें शामिल छात्र देशप्रेम का भावना से ओतप्रोत होते हैं और समाज को आगे बढ़ाने में भी इनका योगदान महत्वपूर्ण होता है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय स्तर पर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर, संस्था (ईकाई) स्तर पर कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा, संस्था (ईकाई) स्तर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अघिना सलका सरगुजा, कार्यक्रम अधिकारी महाविद्यालय स्तर पर श्रीमती कमला बाई दीवान शासकीय महाविद्यालय बलौदा, महासमुंद और श्री संजय बघेल विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़ जांजगीर-चांपा, कार्यक्रम अधिकारी विद्यालय स्तर पर श्री वीरेन्द्र कुमार बंजारे शासकीय उच्चतर विद्यालय चैतमा कोरबा एवं डॉ. गणेश प्रसाद साहू शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोथली धमतरी सहित महाविद्यालय स्तर के 14 एवं विद्यालय के 6 स्वयं सेवक का पुरस्कार राशि का चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन एन.एस.एस. समन्वयक डॉ.आर.पी. अग्रवाल ने किया। आज के समारोह मे डॉ. नीता वाजपेयी एन.एस.एस. अधिकारी उच्च शिक्षा विभाग, डॉ. पी.के.सांगोड़े कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, डॉ. अशोक तोती क्षेत्रीय निदेशक भारत सरकार युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय, डॉ. संजय शर्मा अधिष्ठाता छात्र कल्याण इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी एवं स्वयंसेवक मौजूद थे।
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