दिल्ली विश्वविद्यालय के कल्चर कौंसिल द्वारा किया गया इंडो-फ़्रेंच इन्वेंट का आयोजन

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दिल्ली विश्वविद्यालय के कल्चर कौंसिल द्वारा नोडल केंद्र भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज़ और शिवाजी कॉलेज एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारत की G-20 अध्यक्षता के साथ ही भारत फ़्रांस संबंध के उत्सव को मनाने के लिए 26 सितंबर 2023 को इंडो-फ़्रेंच इन्वेंट का आयोजन किया गया। 

उद्घाटन सत्र का आयोजन नोडल केंद्र भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज़ में आयोजित किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष के रूप में प्रो. बलराम पाणी, अधिष्ठाता महाविद्यालय, डीयू, मुख्य अतिथि के रूप में श्री अनूप लाठेर, अध्यक्ष, परिचालन समिति, कल्चरल समिति,डीयू, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अभिषेक टंडन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उध्मोद्य फाउंडेशन, डीयू, प्रो. रवीन्द्र कुमार, डीन, कल्चरल कौंसिल,डीयू, उपस्थित रहे| अकादमिक सत्र में बतौर वक्ता डॉ. डेनियल बोएरी उपस्तिथि रहे| इसके अंतर्गत विभिन्न कलाओं, चित्रों और वीमेन सेल द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय की अब तक की उपलब्धियों और यात्रा पर एक फ़िल्म के प्रदर्शन के साथ ही सूफ़ी संगीत की प्रस्तुति भी हुई। अकादमिक सत्रों के अन्तर्गत विभिन्न व्याख्यानों का आयोजन किया गया और ग्रुप डिस्कशन, रील मेकिंग, पोस्टर मेकिंग, डिबेट आदि विभिन्न गतिविधियों आदि में विद्यार्थियों ने भी बड़ी संख्या में भागीदारी की। 

इस कार्यक्रम के अंतर्गत श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला महाविद्यालय के प्रांगण में भास्कराचार्य कॉलेज के द्वारा जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग विषय पर डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई और शिवाजी कॉलेज के टीम के द्वारा “भारत और फ़्रांस द्विपक्षीय संबंध भारत को केवल सैन्य सहायता प्रदान करेगा” विषय पर डिबेट का आयोजन किया भी किया गया। 

समापन सत्र के अन्तर्गत श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कॉलेज में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर अध्यक्ष के रूप में प्रो. सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव, आईजीएनसीए, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. गीता भट्ट, निदेशक, एनसीवेब और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. बिन्ध्यवासनी पांडेय, डीन वर्क्स, दिल्ली विश्वविद्यालय भी उपस्थिति रहे। तीनों कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अवनीश मित्तल, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज़, प्रो. वीरेंद्र भारद्वाज, शिवाजी कॉलेज, प्रो. साधना शर्मा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कॉलेज भी इस अवसर पर मौजूद रहे। 

इस अवसर पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विषय भारत फ़्रांस संबंध को प्रस्तुत करना था और भारतीय क्लासिकल नृत्य संगीत के साथ ही फ़्रेंच शैली के नृत्यों का भी मनमोहक प्रदर्शन किया गया। 

इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न सम्मानित वक्ताओं ने भारत की G-20 की सफल अध्यक्षता को रेखांकित करते हुए विश्वगुरु बनने की ओर भारत के अग्रसर होने का विश्वास व्यक्त किया। ऐसा भारत और प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व के कारण ही संभव हो पाया है। एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की संकल्पना “वसुधैव कुटुंबकम्” की आवश्यकता को भी वक्ताओं के द्वारा उल्लिखित किया गया। भारत ने अपने नेतृत्व में G-20 समूह को मात्र एक आर्थिक सहयोग का मंच नहीं रहने दिया बल्कि सांस्कृतिक सहयोग की नई संभावनाओं का मार्ग भी प्रशस्त किया।डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान कर भारत ने आने वाले समय में वैश्विक तकनीकी सहयोग के लिए भी इस मंच के विस्तार की संभावनाओं को एक नया आयाम प्रस्तुत किया है।


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