शिक्षादुतों का दो दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण संपन्न

कलेक्टर ने कहा जो बीड़ा उठाया है उसे जिम्मेदारी से पूरा करे बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने बनेगी कार्ययोजना

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बीजापुर जिले में संचालित 220 पुनः संचालित स्कूलों के शिक्षादुतों का 2 दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण डाइट बीजापुर में आयोजित किया गया ।। प्रशिक्षण में बच्चों में भाषा और गणित के न्यूनतम दक्षता को विकसित करने तथा टीएलएम सामग्री निर्माण कर रुचिकर शिक्षा देने के गतिविधियां कराई गई । इस अवसर पर कलेक्टर श्री राजेंद्र कुमार कटारा ने सभी स्कूलों की समीक्षा कर कहा की अब हमें पुनः संचालित शालाओं को नियमित शालाओं की तरह गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। सभी स्कूल नियमित चले और बच्चों को बुनियादी शिक्षा हासिल हो यह पहली प्राथमिकता है। इसके बाद हम मूलभूत और बुनियादी आवश्यकताओं को विकसित करने का प्रयास करेंगे । शिक्षादुतोंं के मानदेय का भुगतान अब डिजिटल उपस्थिति और वेतन पत्रक प्रमाणीकरण के पश्चात जिला स्तर से दिया जायेगा। जिला स्तर से डिस्ट्रिक्ट लीड, प्रोग्राम लीडर तथा फील्ड कोआर्डिनेटर 200 स्कूलों की मॉनिटरिंग कर शैक्षणिक व्यवस्था को प्रभावी बनाने का कार्य जिम्मेदारी से करेंगे जिसकी हर महीने समीक्षा सतत रूप से होगी। जिन स्कूलों में पेयजल की दिक्कत है वहां पानी की जांच कर शुद्ध पानी की व्यवस्था पूरी की जाएगी । इस वर्ष खोले गए 21 स्कूलों में आवश्यक सामग्री एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध करा दिया जायेगा । कोई भी संस्था अनियमित रूप से संचालित होगी तो नियमित नही किया जाएगा इसलिए अपनी जिम्मेदारी प्राथमिकता से पूरा किया जाए। इस अवसर पर डीईओ श्री बीआर बघेल ने कहा कि शासन और जिला प्रशासन की मंशा के अनुरूप सभी पुनः संचालित शालाओं को व्यवस्थित और नियमित संचालन का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षादुत दूरस्थ और संवेदनशील इलाकों में जो कार्य कर रहे है उसमे और भी ज्यादा सुधार हो इसके लिए यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण में शिक्षा गुणवत्ता के लिए जो बिंदु रखे गए हैं उसका सफल संचालन हो इसकी आप सभी से अपेक्षा है। एपीसी एवं नोडल अधिकारी श्री जाकिर खान ने शिक्षादुतो को प्रेरित करते हुए कहा कि आपकी मेहनत से हम 8000 बच्चों तक पुस्तक कापी पहुंचाकर शिक्षा से जोड़ने में सफल हुए हैं। शासन और प्रशासन आपके क्षेत्र में बच्चों की शिक्षा के लिए हर संभव मदद कर रही है इसी के फलस्वरूप 18 साल से बंद पड़े स्कूलों में फिर घंटी की गूंज सुनाई देने लगी है । पढ़ाई लिखाई के सामान के आलावा पानी शेड भवन की सुविधाएं बहाल कर गांव में बुनियादी सुविधाएं विकसित की जा रही है। सोलर सिस्टम और टीवी के जरिए पढ़ाई को रोचक और सुविधाजनक बनाया जा रहा है। आप सभी को इस अवसर का लाभ लेकर गांव और स्कूल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहिए। हमें बुनियादी शिक्षा को मजबूत करना है इसके लिए इस प्रशिक्षण में अंक ज्ञान,अक्षर ज्ञान, पढ़ना लिखना की दक्षताओं को विकसित करने की योजना है जिसका लाभ बच्चों को देकर मजबूत भविष्य का निर्माण करना है। प्रशिक्षण में शिक्षार्थ ट्रस्ट के प्रशिक्षको द्वारा टीएलएम निर्माण की गतिविधि, कहानी लेखन और कविता के माध्यम से बच्चों को रुचिकर पढ़ाई कराए जाने की गतिविधि कराई गई। प्रशिक्षण में डीएल पीएल एफसी ने भी एक माह के शाला निरीक्षण के अनुभवों को साझा कर बेहतर कार्य करने के लिए योजना को प्रस्तुत किया ।


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