मैनचेस्टर, मोहाली के बाद अब मुंबई में जीत की हैट्रिक

लेखक- संजय दुबे

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 वर्ल्ड कप स्पर्धा में अंग्रेजी का"M" शब्द भारत के लिए पिछले दो आयोजन में सेमीफाइनल के स्थान के नाम से शुभ ही रहा हैं । थोड़ा सा इतिहास पर भरोसा करे तो 1983और 2011में भारत ने सेमीफाइनल मैनचेस्टर और मोहाली में खेला था। इस बार का सेमीफाइनल मुंबई में होने जा रहा है तो आश्वस्त हुआ जा सकता है कि भारत को फाइनल में प्रवेश करने में "M"का भी योगदान पहले दो बार के विजेता बनने के समय जैसा होगा।

1983 में कपिल देव के नेतृत्व में भारत सेमीफाइनल में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ 23जून को उतरा था । इंग्लैंड के समाचार पत्रों ने भारत के पहले की जीत को"तुक्का" माना था। ये दावा भी किया गया था कि भारत का बोरिया बिस्तर मैनचेस्टर में बांध दिया जायेगा।इंग्लैंड 60ओवर में 213रन ही बना सका। भारत के कपिल देव और मोहिंदर अमरनाथ मदन लाल, मोहिंदर अमरनाथ, ने 3- 3विकेट लेकर इंग्लैंड को बड़े स्कोर से पहले ही रोक दिया। भारत की तरफ से बल्लेबाजी शुरू हुई तो केवल 4विकेट गिरे। यशपाल संदीप पाटिल और मोहिंदर अमरनाथ ने 61, 51* और 46रन की शानदार पारी खेली। भारत जीत से 1रन दूर था तब इंग्लैंड की टीम के सारे फिल्डर ऑफ साइड की और खड़े हो गए थे। संदीप पाटिल ने इन्ही फिल्डर के बीच से चौका मार कर भारत को फाइनल में पहुंचा दिया।

 2011 के विश्वकप आयोजन में पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में भारत के सामने थी। 30मार्च को मोहाली में खेले गए सेमीफाइनल में भारत ने पहले बैटिंग करते हुए सचिन तेंडुलकर के 85और सुरेश रैना के 36रन की मदद से 260रन बनाए। वहाब रियाज ने 5विकेट लिए। पाकिस्तान की टीम से केवल मिस्बाह 53और हफीज 43का योगदान दे सके। भारत के 5 बॉलर्स ने 2- 2विकेट लेकर 231रन पर समेट कर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

 मैनचेस्टर और मोहाली के बाद अब मुंबई में न्यूजीलैंड के साथ सेमी फाइनल होना है। लीग राउंड में न्यूजीलैंड भारत से हार चुका है इस कारण मानसिक रूप से भारत की टीम का आत्म विश्वास ज्यादा ही है।


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