अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन में शामिल न होने के फैसले पर पुरी शंकराचार्य

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चार शंकराचार्य 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने पर विचार कर रहे हैं, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि इसमें शामिल नहीं होने का उनका निर्णय राम लला की मूर्ति की स्थापना के दौरान स्थापित परंपराओं से विचलन में निहित है। 

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, “शंकराचार्य अपनी गरिमा बनाए रखते हैं। यह अहंकार के बारे में नहीं है l क्या हमसे यह उम्मीद की जाती है कि जब प्रधानमंत्री रामलला की मूर्ति स्थापित करेंगे तो हम केवल बाहर बैठकर तालियां बजाएंगे? एक 'धर्मनिरपेक्ष' सरकार की मौजूदगी का मतलब परंपरा का विनाश नहीं है।" स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में गोवर्धन पीठ के 145वें शंकराचार्य हैं। उन्होंने 9 फरवरी 1992 (विक्रम संवत 2048) को पीठ के प्रमुख के रूप में इसकी जिम्मेदारी संभाली।


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