7वे मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जो भारत रत्न बने

लेखक- संजय दुबे

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 देश में आजादी के बाद राज्यो की संख्या उत्तरोत्तर बढ़ती गई है।1950में 14 राज्य थे जो भाषा और प्रशासकीय नियंत्रण के चलते 28राज्य हो गए है। इन राज्यों से 7राज्यो में ऐसे मुख्य मंत्री हुए जिनके कार्यों और योगदान ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर नाम दिया। उनकी नीतियों और व्यवहार ने ऐसा प्रभाव डाला कि वे अनुकरणीय हो गए। बिहार के दो बार रहे मुख्य मंत्री कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान के रूप में भारत रत्न मरणोपरांत दिया गया है। वे सातवे मुख्य मंत्री है जिन्हे किसी राज्य के मुख्यमंत्री होने के बावजूद विशिष्ट कार्य के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है।

 भारत रत्न पुरस्कार की शुरुवात 1954से हुई है।अब तक 49 व्यक्तियों को विभिन्न क्षेत्रों में आविष्मरणीय कार्य के लिए भारत रत्न पुरस्कार मिला है। इनमे से 7 व्यक्ति ऐसे रहे है जो क्रमशः मद्रास स्टेट,उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तमिलनाडु,बंबई और आसाम राज्य के मुख्य मंत्री रहे है। इस क्रम में बिहार का नाम भी कर्पूरी ठाकुर के कारण जुड़ गया है।

*भारत के पहले गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी आजादी के पहले 1937में मद्रास प्रांत के मुख्य मंत्री चुने गए थे। वे अंग्रेजो को इस शर्त पर युद्ध में सहयोग देने के निर्णय पर अड़े थे कि अंग्रेज पहले देश को आजाद करने की घोषणा करे। उनसे गांधी सहमत नही थे।। देश आजाद होने के बाद राजा जी पुनः मद्रास में सक्रिय हो गए।1अप्रैल 1952से13अप्रैल 1954तक मद्रास स्टेट के मुख्यमंत्री रहे थे। उन्हे 1954में भारत रत्न पुरस्कार मिला था।

*दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में डा विधान चंद्र राय को भारत रत्न पुरस्कार मिला था। राय पश्चिम बंगाल के 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1962तक याने साढ़े बारह साल मुख्य मंत्री रहे। वे मुख्यमंत्री बनने पर तभी राजी हुए जब उनकी ये बात मानी गई कि मंत्रियों का चयन योग्यता के आधार पर करेंगे। शासकीय स्तर पर अस्पताल और धर्मार्थ अस्पताल उनकी ही योजना है।राय को 1961में भारत रत्न पुरस्कार मिला 

*तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में 26जनवरी1950से27दिसंबर 1954 तक उत्तर प्रदेश के पहले मुख्य मंत्री गोविंद वल्लभ पंत को1957 भारत रत्न मिला था। वे भाषा के आधार पर राज्यो के निर्माण करने वाले देश के चौथे गृह मंत्री थे।

* चौथे मुख्य मंत्री तमिलनाडु के एम जी रामचंद्रन थे जो 9जून 1980से24 दिसंबर 1987तक मुख्य मंत्री रहे। एम जी रामचंद्रन फिल्मों के नायक होने के साथ अन्ना द्रविण मुनेत्र कषगम के संस्थापक भी थे।उन्हे 1988में भारत रत्न मिला

*पांचवे मुख्यमंत्री मोरार जी देसाई थे जो 2अप्रैल 1952 से 31 अक्तूबर 1956तक बॉम्बे के मुख्यमंत्री रहे। 1977में वे पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी बने। मोरार जी देसाई को1991में भारत रत्न पुरस्कार दिया गया।

*छठवे मुख्यमंत्री के रूप गोपीनाथ बोरदोलोई को भारत रत्न सम्मान मिला। वे वल्लभ भाई पटेल के करीबी थे उन्हीं के सक्रिय प्रयास के कारण असम चीन पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बना। वे 19सितंबर 1938से17 नवंबर 1939 तक और 11फरवरी1946से05अगस्त1950 तक आसाम के मुख्य मंत्री रहे।उन्हे 1999में मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान मिला।

 * सातवे मुख्य मंत्री कर्पूरी ठाकुर है। वे22दिसंबर 1970से 2 जून 1971 (163दिन)और 24 जून 1977 से 21अप्रैल 1979,(1वर्ष361दिन) तक दो बार मुख्य मंत्री रहे। कर्पूरी ठाकुर को 49 वा भारत रत्न सम्मान मिला है। सादगी और विचारपरक व्यक्ति के रूप में कर्पूरी ठाकुर मिसाल थे। उन्हे अपने व्यवसाय पर कभी भी ग्लानि बोध नहीं हुआ।

 कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान उनके मृत्यु के बाद मिला है। भारत रत्न से सम्मानित 49व्यक्तियों में से 15व्यक्ति ऐसे है जिन्हे उनके जीते जी ये सम्मान नहीं मिला। लाल बहादुर शास्त्री (1966),के कामराज(1976),विनोबा भावे(1983), एम जी रामचंद्रन(1988), बीआर अम्बेडकर(1990), राजीव गांधी(1991), सरदार वल्लभ भाई पटेल(1991), अबुल कलाम आज़ाद(1992),अरुणा आसफ अली(1997),जय प्रकाश नारायण(1999), गोपीनाथ बारदोली(1999), मदन मोहन मालवीय(2015), भूपेन हजारिका(2019),नाना जी देशमुख(2019), और इस साल कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान दिया गया है।


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