140करोड़ की आबादी और सम्मानित व्यक्तित्व
लेखक- संजय दुबे
भारत के स्वतंत्र होने के आठ साल बाद 1954 से देश में नागरिक अलंकरण पुरस्कार की शुरुवात हुई। तब देश की आबादी 36करोड़ थी अब 140करोड़ पहुंच गई है। इस आबादी में पांच हजार के आसपास व्यक्तियों को नागरिक अलंकरण सम्मान मिला है।
असाधारण सेवा और उच्चतम क्रम के प्रदर्शन के लिए"भारत रत्न" असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए "पद्म विभूषण", उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए "पद्म भूषण"और प्रतिष्ठित सेवा के लिए "पद्म श्री" सम्मान का निर्धारण किया गया। इन सम्मानों को प्रथम से चतुर्थ श्रेणी का नागरिक अलंकरण पुरस्कार माना गया है।
1977से1980और 1993से लेकर1997की अवधि को छोड़ हर साल गणतंत्र दिवस के समय नागरिक अलंकरण सम्मान की घोषणा होती है। इन सम्मानों को देश के राष्ट्रपति के द्वारा निर्धारित तिथि में गरिमामय तरीके से आयोजित किया जाता है। इन पुरस्कारों के लिए एक चयन समिति हुआ करती है जिसके अध्यक्ष केबिनेट सचिव होते है।राष्ट्रपति के सचिव सहित पहले 10सदस्य हुआ करते थे लेकिन अभी 19सदस्य है। हर साल के 30सितंबर तक केंद्र राज्य की सरकारों के अलावा सीधे भी आवदेन किया जा सकता है। पहले केंद्र या राज्य सरकार के अलावा सांसद, विधायक भी अनुशंसा करते थे जिसके चलते अनेक बार अयोग्य व्यक्ति भी सम्मानित हुए है।
* देश में सम्मानित व्यक्तियों में केवल चार व्यक्ति भीमसेन जोशी,सत्यजीत रे, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान और भूपेन हजारिका ऐसे है जिन्हे भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पदम श्री पुरस्कार मिला है।
*49व्यक्तियों को भारत रत्न मिला है।2024का भारत रत्न बिहार के दिवंगत मुख्य मंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत मिला है।
*336व्यक्तियों को पद्म विभूषण सम्मान मिला है। इस वर्ष वेंकया नायडू, वैजन्ती माला, चिरंजीवी, बिंदेश्वर पाठक और पद्मा सुब्रमण्यम को पद्म विभूषण सम्मान मिला है।
*1304 व्यक्तियों को पद्म भूषण पुरस्कार मिला है।इस साल सत्रह व्यक्तियों को पद्म भूषण मिला है। फातिमा बीवी, हरमोशी एस कामा, मिथुन चक्रवर्ती, श्रीराम जिंदल, युग लिउ, अश्विन बालचंद मेहता, सत्यव्रत मुखर्जी(मरणोपरांत), राम नाइक, तेजस मधुसूदन पटेल, ओलेंचरी राजगोपाल, डी. ए.एम. इलियास राजदत्त, टोंगन रिपांचे(मरणोपरांत),प्यारेलाल शर्मा, चंदेश्वर प्रसाद ठाकुर, उषा उत्थुप, विजय कांत(मरणोपरांत) और कुंदन व्यास को राष्ट्रपति पद्म भूषण पुरस्कार देंगी।
*1954से लेकर 2024तक 3442 व्यक्तियों को पद्म श्री पुरस्कार मिला है जिसमे 110व्यक्ति वर्ष ओ2024में सम्मानित हुए है।
किसी भी नागरिक अलंकरण सम्मान से सम्मानित व्यक्ति को पुरस्कार स्वरूप कोई धन राशि नहीं दी जाती है। जिस व्यक्ति को ये सम्मान मिल चुका है उससे केवल आपराधिक दंड मिलने पर ही राष्ट्रपति वापस ले सकते है। अलंकृत व्यक्तियों का नाम राजपत्र में अधिसूचना के जरिए प्रकाशित होता है इस कारण विलोपित किए जाने का प्रावधान नही है
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