पंकज : अंदाज है उनका गीतों सा,आवाज है उनकी गजल जैसी

लेखक - संजय दुबे

feature-top

 

गजल की दुनियां एक ऐसी दुनियां है जिसमे अगर उर्दू के कठिन शब्दो का शुमार हो जाए तो भाव पल्ले नहीं पड़ती और गजल न समझने वाली चीज हो जाती है। गजलकारो ने अपनी किताबे छपवाई तो कठिन शब्दो को स्टार चिन्ह देकर नीचे अर्थ भी बताया।गजल गायकी में ऐसे कठिन शब्दो के चलते आम श्रोता गजलो से 1980के दशक तक दूर ही रहता था। मिर्जा गालिब देश के पहले गजल लेखक रहे जिनके गजलो को सभी गजल गायकों ने गया । जगजीत सिंह ने कठिन गजलो को थोड़ा सरलीकरण किया लेकिन गजलो को आम आदमी तक पहुंचाने का काम किया तो रेशमी आवाज के धनी पंकज उधास ने किया था।

1980के दशक में आहट एल्बम के माध्यम से पंकज उधास आम श्रोताओं के बीच आए थे। शराब और इश्क विषय उनका पसंदीदा गायन विषय रहा। उनकी गजले मयखानो की महफिलों को सजाती रही।"ये अलग बात है शाकी कि मुझे होश नही"गजल से पंकज उधास हम लोगो के बीच आए थे। उसके बाद" ए गम ए जिंदगी कुछ तो दे मशवरा", "पैमाने टूट गए", "थोड़ी थोड़ी पिया करो","उसको गले लगाना साकी" जैसे शुरूर वाली गजलो में पंकज उधास ने अपनी आवाज का नशा घोल दिया था।

 इश्क हर गीत के पीछे की जान होती है।पंकज उधास की रेशमी आवाज ने इश्क को बर हमेशा जवान रखा।" निकलो न बेनकाब जमाना खराब है", "मुझे आई न जग से लाज", "आप जिनके करीब होते है वे बड़े खुशनसीब होते है", "हुजूर आहिस्ता कीजे बाते", "इश्क इंसान की जरूरत है", सावन के सुहाने मौसम में इक नार मिली बादल जैसे गीतों में पंकज उधास ने दुनियां भर को इश्क करना सीखा दिया। 

पंकज उधास के गजलो के कैसेट का वो जादू था कि उनके जमाने में फिल्मों के गाने के कैसेट कम बिका करते थे। पंकज उधास ने अनूप जलोटा जैसे गजल गायकों को भजन की दुनियां में जाने पर मजबूर कर दिया था। ऐसा बहुत कम होता है कि गजल की गायकी फिल्मी गानों के बाजार को पीछे कर दे लेकिन पंकज उधास ने ऐसा कर के दिखाया था। पंकज स्टेज के जीवंत गजल गायक रहे,उनकी रेशमी आवाज गजलो को खूबसूरत बना देती थी। 72साल की उम्र में पंकज उधास ने इस संसार के स्टेज को सुना कर गए। उनके गाए गीत का एक अंश उनके लिए" जो देखे उन्हे वो खो जाए,जो मिले वो शायर हो जाए,अंदाज है उसका गीतों सा आवाज है उनकी गजल जैसी"। कहते है कि गायक शरीर से भले ही जुदा हो जाता है लेकिन आवाज अमर रहती है। पंकज उधास की आवाज हमेशा हमारे हमारे आस पास गूंजती रहेगी।


feature-top