सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के नरसिम्हा राव फैसले को खारिज किया

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सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च को फैसला सुनाया कि संसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को रिश्वत के मामलों में अभियोजन से छूट नहीं है। इसे एक ऐतिहासिक फैसले के रूप में देखा जाता है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली सात-न्यायाधीशों की पीठ ने भी खारिज कर दिया। 1998 के फैसले को लोकप्रिय रूप से पीवी नरसिम्हा राव फैसले के नाम से जाना जाता है।


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