रेरा ने दिया प्रोजेक्ट ‘किंग्सटाउन’ डूंडा को आदेश

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छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा मेसर्स नवभारत ड्वेलिंग्स प्रा.लि., विसी इन्फ्राक्चर प्रा.लि., श्री रोहित श्रीवास्तव के प्रोजेक्ट ‘किंग्सटाउन’, डूंडा, जिला-रायपुर को मकान का निर्धारित अवधि में अनुबंध निष्पादित नहीं करने के कारण शिकायतकर्ताओं को 45 दिवस के भीतर मकान का आधिपत्य और अनुबंध विलंब अवधि की ब्याज राशि प्रदान करने का आदेश दिया है। 

 

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष आवेदकगण श्री विनीत रामटेक एवं श्री उदय रामटेके, निवासी-फ्लैट नं.-बी-1, ए-202, गोल्डन टॉवर, अमलीडीह, रायपुर (छ.ग.) के द्वारा अनावेदकगण (1) मेसर्स नवभारत ड्वेलिंग्स प्रा.लि. (2) विसी इन्फ्राक्चर प्रा.लि., (3) श्री रोहित श्रीवास्तव के प्रोजेक्ट ‘किंग्सटाउन’, डूंडा, जिला-रायपुर (छ.ग.) के विरूद्ध शिकायत प्रस्तुत की गई है। आवेदकगण एवं अनावेदकगण के मध्य 02 जुलाई 2013 को अनुबंध निष्पादित किया गया है। अनुबंध की शर्तों अनुसार आवेदकगण द्वारा संपूर्ण विक्रय प्रतिफल का भुगतान कर दिया गया है। कंपनी द्वारा मकान का आधिपत्य देने की अधिकतम अवधि 31 जुलाई 2016 तक निर्धारित थी। अनावेदक द्वारा अपूर्ण मकान का विक्रय विलेख पंजीयन 20 मार्च 2022 को निष्पादित कराया गया है, किन्तु अपूर्ण मकान को पूर्ण कराकर आधिपत्य प्रदान नहीं करने के कारण क्षुब्ध होकर प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष शिकायत प्रस्तुत किया गया। 

 

आवेदकगण के शिकायत पर प्राधिकरण द्वारा उभय पक्षों की सुनवाई की गई। इस तारतम्य में प्रकरण पर परिशीलन करते हुये लगभग 04 माह की अल्प अवधि में ही प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्य द्वारा आज 06 मार्च 2024 को आदेश पारित कर आवेदक पीड़ित पक्ष को त्वरित न्याय प्रदान किया गया, जिसमें अनावेदकगण 45 दिवस के भीतर प्रश्नाधीन भू-संपदा जी-28 का निर्माण पूर्ण कर आधिपत्य आवेदकगण को उपलब्ध कराने आदेशित किया गया। साथ ही प्राधिकरण अधिनियम की धारा-18, नियम-17 के अधीन यह अभिनिर्धारित करता है कि अनावेदकगण भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रदत्त ऋण पर मार्जिनल व्याज दर 8.70 प्रतिशत + 2 प्रतिशत अर्थात् 10.70 प्रतिशत के ब्याज दर पर लागत राशि 43,91,250/- रूपये पर अगस्त 2016 से मार्च 2024 अर्थात् 07 वर्ष 08 माह हेतु ब्याज की राशि 36,01,976/- रूपए का भुगतान 45 दिवस के भीतर करे। इस प्रकार प्राधिकरण (रेरा) द्वारा त्वरित न्यायोचित राहत प्रदान की गई।


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