किसके झोपड़ी के भाग खुल जायेंगे,राम आयेंगे

लेखक- संजय दुबे

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 2024का साल भारतीय संस्कृति के पुरोधा मर्यादा पुरुषोत्तम राम के प्रतिष्ठा के स्थापना का वर्ष रहा है। फैजाबाद से अयोध्या नगर के रूप में नामांतरित जिले में 22जनवरी को राम लला के रूप में भव्यता के स्मारक में राम आ ही गए।

 मुस्लिम आक्रमण कारियो के द्वारा भारत के तीन मुख्य संस्कृति की नगरी अयोध्या, मथुरा और काशी को तहस नहस कर संस्कृति को विध्वंस कर अपनी संस्कृति को थोपने का काम हुआ था। बाला साहेब ठाकरे की अदम्य साहस के चलते भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना का दौर शुरू हुआ और पहली विजय बावरी मस्जिद का विध्वंस था ।कालांतर में राम की स्थापना ने ये सिद्ध कर दिया कि संस्कृति से छेड़छाड़ हुई है तो उसका निराकरण कर लिया जायेगा। इस प्रयास में निश्चित रूप से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी को श्रेय जाता है कि उन्होंने इस कार्य को करने का बीड़ा उठाया।

राम आए,राम का आगमन हुआ तो एक गीत ने विख्याति अर्जित की" राम आयेंगे,राम आयेंगे,मेरी झोपड़ी के भाग खुल जायेंगे राम आयेंगे"। बिहार के सारण जिले की स्वाति मिश्रा की आवाज ने इस गीत को इतनी मधुरता के साथ गाया कि हर व्यक्ति इस गीत से अभिभूत हो उठा देश के अधिकांश घरों में ये गीत हिस्सा बना, भक्ति के दौर में वातावरण को भक्तिमय बनाने के लिए स्वाति की आवाज सहयोगी बन गई।

 हमारी ये व्यथा होनी चाहिए कि हम गीत को सुन लेते है गुनगुना लेते है लेकिन किस व्यक्ति के मस्तिष्क में गीत के प्रसव की वेदना हुई और पीड़ा को भोग कर गीत को जन्म दिया उसे जानने की कम कोशिश करते है।

 भक्ति के लिए दो महिलाओ की आसक्ति को दुनियां मानती है जिन्होंने ईश्वर की प्रतीक्षा दीर्घ काल तक किया। पहली शबरी थी दूसरी राधा थी। माता शबरी ने राम और राधा ने कृष्ण की प्रतीक्षा चिरंतन काल तक की।

राधा द्वारा कृष्ण की प्रतीक्षा को मद्दे नज़र रखते हुए श्याम सुंदर शर्मा(पालन वाले) ने बहुत साल पहले श्याम आयेंगे,श्याम आयेंगे, गीत की रचना की थी। श्याम सुंदर शर्मा, खाटू श्याम के परम भक्त थे,वे सरकारी नौकरी किया करते थे। 23अक्तूबर 2013को श्याम सुंदर शर्मा के निधन होने के बाद 24जनवरी 2014को उनके फेस बुक अकाउंट में "श्याम आयेंगे श्याम आयेंगे,मेरी झोपड़ी के भाग खुल जायेंगे श्याम आयेंगे"डाला गया था।

स्वाति मिश्रा ने इस गीत में श्याम की जगह राम शब्द को स्थापित कर गाया।स्वाति की आवाज और सही समय पर आने के कारण ये गीत सार्वभौमिक हो गया। यू ट्यूब में 6करोड़ से अधिक लोग "राम आयेंगे,राम आयेंगे"गीत को सुन चुके है। तैतीस लाख से अधिक सबस्क्राइबर्स है। स्वाति मिश्रा, मुंबई में गायन के क्षेत्र में संघर्षरत है ।"राम आयेंगे, राम आयेंगे"गीत ने उन्हे ग्लोबल प्रसिद्धि दिला दी है। भजन के क्षेत्र में केवल अनुराधा पौडवाल ही अकेली ऐसी हस्ताक्षर है जिन्होंने सालो भजन को अपना गायन क्षेत्र बना कर ख्याति अर्जित की है। संभवतः स्वाति मिश्रा भी भजन में नामवर हो जाए क्योंकि देश दुनियां में करोड़ो लोग भजन प्रेमी है।


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