तीन वीर शहीदों के परिजनों को 20-20 लाख रूपए राशि का चेक वितरित किया

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि भारतीय सेना के अदम्य साहस, रणनीतिक कुशलता और असीम देश प्रेम के चलते कोई शत्रु भारत की ओर आंख उठा कर नहीं देख सकता। आज भारत यदि महाशक्ति है तो इसका एक बड़ा कारण भारतीय सेना है। मुख्यमंत्री श्री साय आज शाम राजधानी रायपुर के शास्त्री चौक के निकट नवनिर्मित सैनिक विश्राम गृह भवन का उद्घाटन किया। इस भवन का निर्माण एक करोड़ 4 लाख रूपए की लागत से किया गया है। भवन में सैनिक परिवारों के लिए विश्राम कक्ष, सम्मेलन सामुदायिक हॉल एवं मनोविनोद कक्ष की सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

 

उद्घाटन के अवसर पर उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा, लोकसभा सांसद श्री सुनील सोनी, रायपुर उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री मनोज कुमार पिंगुआ, राज्य सैनिक बोर्ड के संचालक बिग्रेडियर श्री विवेक शर्मा विशिष्ट सेवा मेडल (सेवा निवृत्त) और सैनिकों के परिवारजन उपस्थित थे। 

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले तीन वीर शहीदों हवलदार श्री नवीन कुमार, नायक श्री मोतीराम एवं सिपाही श्री मनीष कुमार की पत्नी/माताओं को राज्य शासन की ओर से एक्सग्रेसिया 20-20 लाख रूपए का अनुग्रह राशि का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने जवानों की शहादत को नमन करते हुए यह भी आश्वस्त किया कि भविष्य में आश्रित परिवारजनों को हरसंभव मदद शासन की ओर से की जाएगी। श्री साय ने कहा कि मुझे वीर नारियों के सम्मान का अवसर मिला, यह मैं अपना सैभाग्य मानता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा में लगे हमारे वीर जवानों ने अपने सर्वोच्च बलिदान से देश का स्वाभिमान बढ़ाया है। आज हम देश में सुरक्षित महसूस करते है तो इसके पीछे हमारे जांबाज सैनिक ही हैं। परसों ही हमारी सेना ने पोखरण में ऑपरेशन भारत शक्ति के माध्यम से युद्ध अभ्यास किया। हमारे स्वदेश में बने ड्रोन ने एक सौ टारगेट पर सफलतापूर्वक प्रहार किया। 

 

उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने राष्ट्र कवि पंडित माखन लाल चतुर्वेदी की कविता ‘पुष्प की अभिलाषा‘ से अपनी बात प्रारंभ करते हुए सैनिकों के शौर्य और पराक्रम को याद किया। उन्होंने कहा कि सैनिक आजीवन सैनिक होता है। पूर्व सैनिक होता ही नहीं। गृह मंत्री ने आंध्रप्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा जारी स्नातक प्रमाण पत्र 6 भूतपूर्व सैनिकों को प्रदान किया।


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