गेंदबाजी में रफ्तार के सौदागर
लेखक- संजय दुबे
आप पाठको में कितनों ने 150से160किलोमीटर की रफ्तार से कार दौड़ाई है? लगभग 98फीसदी लोग इस बात से इंकार कर देंगे कि उन्होंने ऐसा नहीं किया है। इसी रफ्तार से आजकल क्रिकेट में तेज गेंदबाज 22गज की पिच पर गेंद फेंकने का काम कर रहे है जिन्हे ऐसा करते देखने में आनंद कम रोमांच ज्यादा महसूस होता है। हाल ही में आईपीएल स्पर्धा में पंजाब किंग्स के खिलाफ दिल्ली के तेज गेंदबाज मयंक यादव ने 156.7(97.3मील /घंटे) की रफ्तार से गेंद फेक कर भारतीय तेज गेंदबाजो द्वारा फेंकी गई सबसे तेज गेंद के क्रम में सबको पीछे कर दिया। ये रिकार्ड जम्मू कश्मीर के तेज गेंदबाज उमरान मलिक के नाम पर था जिन्होंने 2022 आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ बनाया था।
भारत के मौसम और मिट्टी के चलते तेज गेंदबाज मिलना शुरुवाती दौर में कठिन काम था। 1932में सी के नायडू की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ शुरुवाती टेस्ट मैच में भारत के निसार ने शुरुवाती 20मिनट में इंग्लैंड के 3विकेट महज 19रन देकर ले लिए थे। ये माना गया था कि निसार के गेंद की रफ्तार बॉडी लाइन गेंदबाजी करने वाले लारवुड की गेंद से ज्यादा थी।।
आजादी के बाद भारत में स्पिनर्स ट्रेंड चला और स्थिति यहां तक पहुंच गई कि नई गेंद की चमक खत्म करने की रस्म अदायगी के लिए एकात मध्यम तेज गेंदबाज रख लिया जाता था। किसी जमाने में सर्वाधिक शतक और विश्व में सबसे पहले दस हजार रन बनाने वाले सुनील गावस्कर से बेदी प्रसन्ना चंद्रशेखर के जमाने में शुरुवाती गेंदबाजी करा ली जाती थी। कपिल देव के आगमन से भारत में तेज गेंदबाज की नर्सरी शुरू हुई। कपिल देव ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले टेस्ट में सादिक मोहम्मद के खिलाफ बाउंसर डाला तो पाकिस्तानी खिलाड़ी हतप्रभ हो गए थे। कपिल देव के बाद जगावल श्रीनाथ ने 1990में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 21रन देकर 6विकेट लिए तब उन्होंने 149.6 किलो मीटर /घंटे की रफ्तार से गेंद फेकी थी। इससे आगे आशीष नेहरा निकले। आशीष ने 2003m विश्व कप मैच में इंग्लैंड के खिलाफ149.7किलोमीटर/घंटे की स्पीड से गेंद फेकी। इस मैच में आशीष ने 23रन देकर 6विकेट लिए थे।
2011में वरुण एरॉन ने विजय हजारे ट्रॉफी मैच में 153किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से गेंद फेक कर सबसे तेज बने थे। ये रिकार्ड भी उमरान मलिक ने 2022में दिल्ली केपिटल के खिलाफ157किलोमीटर/घंटे की स्पीड से फेक कर बनाया था।
तेज गेंदबाजों के गेंद की गति नापने के लिए पहले स्पीड गन का उपयोग होता था। इसका निर्माण 1947में जान बाकर ने किया था। स्पीड गन डॉपलर प्रभाव सिद्धांत पर काम करता है। इस स्पीड गन में एक रिसीवर और ट्रांसमीटर होता है। स्पीड गन को साइड स्कीन के पास एक ऊंचे खंबे में लगाया जाता है, जहां से पिच की दिशा में एक सूक्ष्म तरंग भेज कर पिच में फेकी गई गेंद की स्पीड नाप ली जाती है।
कंप्यूटर युग में 2001से हाक आई सिस्टम प्रचलन में है। डा.पाल हाकिंस ने ये कंप्यूटर सिस्टम तैयार किया है जिसमे 6कैमरे की मदद से गेंद की रफ्तार देख ली जाती है।
दुनियां भर में चार गेंद बाज ऐसे है जिन्होंने 160किलोमीटर/ घंटे की स्पीड से गेंद फेकी है। पहला नाम ऑस्ट्रेलिया के जैफ टॉमसन का है जिन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1975में पर्थ टेस्ट में 160.6किलोमीटर/घंटे की स्पीड से गेंद फेकी थी। दूसरा नाम ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली का है जिन्होंने 2005में नेपियर (न्यूजीलैंड) में 160.8किलोमीटर/घंटे की स्पीड से गेंद फेकी। तीसरा नाम ऑस्ट्रेलिया के शान ट्रेट का है जिन्होने लार्ड्स के ग्राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ 161.1किलोमीटर/घंटे की स्पीड से गेंद फेकी थी।
स्पीड स्टार या गति का बादशाह या तूफानी गेंदबाजी का महारत कोई भी नाम दीजिए एक ही गेंदबाज काफी है। ये है पिंडी या रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से विख्यात पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर जिन्होंने 2003के विश्व कप स्पर्धा में इंग्लैंड के खिलाफ 161.3किलोमीटर/घंटे की गति से 22गज की पिच को पार कर दिया था।
दुनियां में तेज गेंदबाजों के नाम पर माइकल होल्डिंग,एंडी राबर्ट्स, जोएल गार्नर, की चर्चा होती है लेकिन ये सभी स्पीड स्टार नही हुए लेकिन अचूक गेंदबाजी के लिए इनके साथ साथ डेनिस लिली, रिचर्ड हेडली का नाम लिया जाता है।
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