सुनील क्षेत्री ने बजाई फुटबाल में लंबी सीटी..!

लेखक- संजय दुबे

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दुनियां में खेले जाने वाले आउटडोर खेलो में एक टीम के लिए जाने खेल का सबसे मैदान फुटबाल का होता है। 105मीटर लंबा और 68मीटर चौड़ा। इस मैदान के भीतर दो टीम के नियमित बाइस खिलाड़ी अपनी अपनी टीम को जिताने के लिए प्रयास करते है।भारत में भी एक ऐसा खिलाड़ी जो पिछले दो दशक से देश का नाम व्यक्तिगत से तो रोशन करते रहा लेकिन मन में एक टीस लिए 6जून 2024को अपने लिए लंबी सीटी बजा देगा। ये खिलाड़ी है सुनील क्षेत्री और इसकी टीस ये है कि बेहतरीन खिलाड़ी होते हुए भी भारत को विश्व परिदृश्य में खड़ा नही कर पाया। विश्व कप फुटबाल स्पर्धा में भारत कभी भी 32टीमों में शुमार नही हो पाया।

 इसके अलावा भी सुनील क्षेत्री के मन में एक बात और भी रही होगी कि वे अंतराष्ट्रीय स्तर पर भले ही 150 मैचों में 94 गोल किए लेकिन दुनियां के सर्वाधिक प्रतिष्ठित क्लब की तरफ से उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला और न ही पिछले बीस सालो में वे नामचीन फुटबाल खिलाडियों मैसी, रोनाल्डो, नेमार के साथ या सामने हो पाए। दरअसल फुटबाल की अंतराष्ट्रीय क्लब भी लेयर बेस है जिनमे खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर बोली लगती है। सुनील क्षेत्री केनकास सिटी विजार्ड्स अमेरिका2010, और पुर्तगाल क्लब स्पोर्टिंग से 2012- 13में खेले। भारत के हर क्लब से वे खेले।

      स्वामी विवेकानंद एक बात हमेशा कहते थे कि अगर मुझे पूजा पाठ और फुटबाल के आनंद में एक को चुनना होगा और मेरा मन फुटबाल खेलने का करेगा तो मैं पूजा पाठ की जगह फुटबाल खेलना पसंद करूंगा। सुनील क्षेत्री ने भी यही फॉलो किया और देश में फुटबाल को मरने नही दिया। आम आदमियों की बात छोड़िए, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रतिस्पर्धियों को ये पता नही होगा कि देश में फुटबाल की एक राष्ट्रीय फुटबाल टूर्नामेंट भी है जिसे संतोष ट्रॉफी के नाम से जाना जाता है।इस स्पर्धा का 2023का विजेता कर्नाटक है। पढ़ते पढ़ते जान कि संतोष ट्रॉफी 1941से चल रही राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा है जिसमे राज्य के अलावा सेना जैसी 32टीम हिस्सा लेती है।

सुनील क्षेत्री, के जिम्मे एक बात आती है कि जब वे मैदान के भीतर लम्बी सीटी बजाए तो मैदान के बाहर देश के इस खेल के प्रबंधन के ढांचे में सुधार करवाए जिससे भारतीय खिलाड़ी कम से कम एशियाड खेलो में वैसा ही गोल्ड मेडल दिलाए जैसा 1951एशियाड में सेलिन मन्ना ने दिलाया था। एक व्यक्ति अगर अपने समर्पण से अगर खेल से ऊंचा हो जाए तो उसे सुनील क्षेत्री का नाम मिलता है


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