लापता लेडिस के गीत और संगीत बहुत ही कर्ण प्रिय

लेखक- संजय दुबे

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गीत और संगीत भारतीय फिल्मों की जान होती है। फिल्म के परदे पर आने और जाने के बाद अगर कोई बात जेहन में रह जाती है तो वह गीत और संगीत का मिश्रण होता है।

 92साल से गीतकार, संगीतकार सहित गायक और गायिका अथक परिश्रम करते आ रहे है। समय के साथ गीत,संगीत में जबदस्त बदलाव आया है।हरमोनियम तबले से लेकर भारी भरकम आर्केस्ट्रा के साथ गीतों का सृजन हुआ है। 

किसी भी गीत में गीतकार का कार्य एक कच्चा माल परोसने से ज्यादा नही होता है। राग लगाने से लेकर धुन बनाने के बाद गायन के बाद ही गीत और संगीत मिलकर कर्णप्रिय बन पाते है। इसके लिए सोने में सुहागा गाने का फिल्मांकन होता है। फिल्मों में दो तरीकों से फिल्मांकन होता है। पहले तो सीधे ही नायक नायिका ही होठ हिलाकर काम पूरा कर लेते है, दूसरा अगर संभव नहीं होता तो बैक ग्राउंड पर गाने चलते है। ऐसा ऑफ बीट फिल्मों में किया जाता है। हाल ही किरण राव की एक फिल्म आई है लापता लेडीज। इस फिल्म में चार गाने नायक नायिका अथवा किसी अन्य कलाकार ने नहीं गाया है बल्कि सारे गाने बैक ग्राउंड में चले है

 लापता लेडिस में चार गाने है प्रशांत पांडे ने दो और स्वानंद किरकिरे और दिव्यनिधि शर्मा ने एक एक गीत लिखे है। अरिजित सिंह, श्रेया घोषाल, सुखविंदर सिंह और सोना महापात्रा ने एक एक गीत गाए है।

 सुखद बात ये है कि न्यूनतम वाद्य यंत्रों के साथ सभी गीत कर्ण प्रिय बन पड़े है।

 श्रेया घोषाल ने स्वानंद किरकिरे के लिखे "धीमे धीमे चले पुरविया बोले थाम तुम मेरे बहिईया" ने इतनी मधुरता के साथ गाया है कि बस सुनते जाइए। इस गीत में अफ्रीकन वाद्य यंत्र कोरा और मेंडोलिन का सामंजस्य देखते बनता है।

 दूसरा गीत प्रशांत पांडे ने लिखा है ओ सजनी रे,कैसे कटे दिन रात, कैसे हो तुमसे बात इसे स्वरबद्ध किया है अरिजित सिंह ने, वैसे भी अरिजित सिंह धीमे गानों को बेहतर

 गाते है।

 तीसरा गीत बेडापार भी प्रशांत पांडे के ही हिस्से में आया है। फोक गीतों को गाने वाली सोना महापात्रा ने अपनी खनकती आवाज से इस गाने में जान डाल दी है।

 चौथा गाना हिंदी, इंग्लिश के साथ ग्रामीण परिवेश में चलयमान शब्दो का ताना बाना है। इस गाने के लिए सुखविंदर सिंह से बेहतर कोई गायक नही हो सकता था और ऐसा गाना सुनकर महसूस भी कर सकते है।

 सभी गानों की खूबसूरती ये है कि इनको फिल्म में एकदम सही जगह पर रखा गया है या ये कह सकते है कि दृश्य देखकर गीतकारों ने खूब मेहनत की है। किरण राव को बधाई है कि उन्होंने लापता लेडीज में बहुत कुछ ढूंढ कर दर्शको के साथ साथ श्रोताओं के लिए भी कर्ण प्रिय गीत का सम्मिश्रण किया है


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