कौन थे देश के 83 अनुभवी केबिनेट मंत्री

लेखक - संजय दुबे

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 देश नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधान मंत्री पद की शपथ लेते देख लिया।उनके साथ71 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ले चुके है। इनमे से 20 ऐसे सांसद है जो पिछले दस साल मंत्री रहे है।

देश में 543सांसदों की संख्या के 15 प्रतिशत सांसद अर्थात 83मंत्री बनाए जा सकते है।इतने ही मंत्री 1947 से 2024 तक ऐसे रहे है जिन्होंने एक दशक से ज्यादा अवधि तक सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों को सम्हालते रहे है।

वर्तमान में11मंत्रियों की संख्या रिक्त है। अमूमन हर पार्टी मंत्रियों के लिए जगह बचा कर रखती है जो सत्ता संतुलन और विरोध को थामने के लिए बेहतर संसाधन के रूप में भविष्य के लिए धरोहर होते है। इन रिक्त स्थानों को देख अनेक सांसद बेहतर कार्य भी करते है ताकि भविष्य में उन्हें मौका मिल सके।

 स्वतंत्र भारत में 15अगस्त 1947से प्रधान मंत्री और मंत्री बनने की परंपरा शुरू हो चुकी थी। 5मंत्री ऐसे रहे जिन्होंने अब तक 10से अधिक साल की अधिक अवधि तक 83 मंत्रियों ने सेवा दी है। जिनमें से पांच मंत्री बाबू जगजीवन राम , स्वर्ण सिंह, सत्य नारायण सिंह, और प्रणव मुखर्जी ऐसे सांसद रहे है जो बीस साल से अधिक समय तक मंत्री रहे। इसके अलावा 10मंत्री ऐसे रहे है जो 15से20साल तक मंत्री रहे। 68ऐसे मंत्री रहे है जो 10से15साल तक मंत्रालय सम्हाले है।

*20साल से अधिक अवधि तक रहे मंत्री

 1.जगजीवन राम (29साल,4महीने,25दिन)

 सासाराम (बिहार) से सांसद बनने वाले बाबू जी के नाम से प्रसिद्ध जगजीवन राम 29साल 4महीने और 25दिन मंत्री रहे। 15अगस्त1947 पंडित जवाहरलाल नेहरु के 1947,1952,1957,1962, के मंत्री मंडल और 1966, 1971में इंदिरा गांधी की सरकार में जगजीवन राम मंत्री रहे। बाबू जगजीवन राम , देश में विपक्ष की जनता पार्टी की 1977में सरकार बनी तब भी मंत्री बने थे। श्रम, संचार, परिवहन, रेल, खाद्य, कृषि और रक्षा मंत्रालय उनके पास रहा। बाबू जगजीवन राम, देश के उपप्रधान मंत्री भी रहे।

2.स्वर्ण सिंह 

 (23साल6माह18 दिन)

 जालंधर से सांसद निर्वाचित होने वाले स्वर्ण सिंह 13मई 1952से1दिसंबर 1975तक मंत्री रहे।स्वर्ण सिंह, पण्डित नेहरू, नंदा,शास्त्री और इंदिरा गांधी के कार्य काल में गृह,लोक निर्माण, आपूर्ति, खान और इस्पात, कृषि,रेलवे,विदेश और रक्षा मंत्री रहे।

3सत्यनारायण सिन्हा 

(22साल3 महीने17 दिन)

सत्यनारायण सिन्हा बिहार के समस्तीपुर से सांसद निर्वाचित होते थे। पंडित जवाहर लाल नेहरु, नंदा,शास्त्री और इंदिरा गांधी के प्रधान मंत्रित्व काल में 22साल3महीने17दिन मंत्री रहे। उन्होंने संसदीय कार्य,संचार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण,योजना और शहरी विकास मंत्रालय में अपनी सेवा दी

4.राय बहादुर

(21साल 5महीने27 दिन)

भरतपुर(राजस्थान ) से जीत कर आने वाले रायबहादुर नेहरू,नंदा,शास्त्री और इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने 21साल5महीने27दिन तक बतौर मंत्री अपनी सेवा दी

5.प्रणव मुखर्जी

(20साल4माह16 दिन)

 जंगीपुर (पश्चिम बंगाल) से सांसद बनने वाले प्रणव दा के नाम से चर्चित प्रणव मुखर्जी के अनुभव को देखते हुए 2004में प्रधान मंत्री बनने की संभावना थी ।उनकी विद्वता या कहे स्पष्टवादिता आड़े आ गई। वे इन्दिरा गांधी,राजीव गांधी और मनमोहन सिंह की सरकार में रक्षा, विदेश, वाणिज्य,उद्योग और वित्त मंत्रालय के कार्य को पूरी जिम्मेदारी से किया। 14जनवरी1980से 16जून 2012तक वे मंत्री रहे।उन्हे भारत सरकार ने भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया है।

*15से20साल की अवधि तक मंत्री रहे सांसद

 कोथा रघु रमैयाह, बी.शंकरानन्द, पी चिदंबरम, जयसुख लाल हाथी, विद्याचरण शुक्ल, राम विलास पासवान, शाह नवाज खान, गुजरारी लाल नंदा, बलिराम भगत, कृष्ण चंद पंत 

*10से15साल रहे मंत्री

कमल नाथ, हंस राम भारद्वाज, यशवंत राव चह्वाण , केशव देव मालवीय, गुलाम नबी आजाद, जिया उल रहमान अंसारी, शिव राज पाटिल,राम निवास मिर्धा, शैलजा कुमारी,दिनेश सिंह, शंकर राव चह्वाण, वी. बी.केसकर, बूटा सिंह,ललित नारायण मिश्र, मेहर चंद खन्ना, पी. ए. सांग्मा,राज नाथ सिंह, बी . एस.मूर्ति, इंद्र कुमार गुजराल,शरद पवार, डी. पी. कर्माकर, अशोक कुमार सेन, मो शफी कुरैशी, चिदंबरम सुब्रमण्यम, के सी रेड्डी, जाफर शरीफ, अन्ना साहेब शिंदे, टी आर चव्हाण, जयपाल रेड्डी, टी आर बालू, नित्यानंद कानूनगो, मनुभाई शाह, मेनका गांधी, फग्गन सिंह कुलस्ते, एम अरुणाचलम, ए राजा, अबुल कलाम आज़ाद, बी एन दातार,

 कर्ण सिंह,चौधरी दलबीर सिंह, जगदीश टाइटलर, पी.चंद्रशेखर, गिरधर गोमांग, एम वी कृष्णप्पा, के वी रघुनाथ रेड्डी, नितिन गडकरी,स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण,धर्मेंद्र प्रधान,किरण रिजुजू,जितेंद्र सिंह, श्रीधर नायकराव,इंद्रजीत सिंह, वी के सिंह, कृष्णपाल गुर्जर,सुरेंद्र पाल सिंह, और अर्जुन सिंह।

 वर्तमान में राजनाथ सिंह अकेले ऐसे मंत्री है जो अटल बिहारी वाजपेई और नरेंद्र मोदी की सरकार में 12साल05दिन से मंत्री है। यदि मोदी सरकार पांच साल टिकी रहती है तो राजनाथ सिंह 15साल से अधिक समय तक मंत्री बने दस सांसदों ने शामिल हो जायेंगे।


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