‘विवाह और अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने का अधिकार सुरक्षित’: इलाहाबाद हाईकोर्ट

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 10 जून को कहा कि किसी वयस्क व्यक्ति का विवाह करने या अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है। यह महत्वपूर्ण टिप्पणी तब की गई जब उच्च न्यायालय ने एक मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की, जिसमें याचिकाकर्ता 1 (एक महिला) को उसके चाचा के साथ रहने का निर्देश दिया गया था, क्योंकि उसने याचिकाकर्ता 2 (उसके पति) से उसकी शादी पर आपत्ति जताई थी।

न्यायमूर्ति जे जे मुनीर और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ ने अपने अवलोकन में कहा कि "कोई भी व्यक्ति किसी वयस्क को अपनी पसंद के स्थान पर जाने, अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने या अपनी इच्छा या इच्छा के अनुसार विवाह करने से नहीं रोक सकता, क्योंकि यह एक अधिकार है जो संविधान के अनुच्छेद 21 से प्राप्त होता है।"


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