अस्पताल में नर्स की भूमिका मां के समान, मरीजों को अपने बच्चों समान देखभाल करेःस्वास्थ्य मंत्री जायसवाल

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विश्व में किसी भी तरह की आपदा आए, चाहे वह युद्ध हो या फिर कोरोना जैसी महामारी, नर्सों का काम सबसे महत्वपूर्ण होता है। नर्स आपात परिस्थिति में अपने बच्चों को छोड़कर अस्पताल में मरीजों की मां बनकर सेवा करती हैं और उनकी देखभाल करती हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर किसी की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका है, परन्तु नर्सों के बिना स्वास्थ्य महकमे का संचालन काफी मुश्किल है। यह बातें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी  जायसवाल ने आज डॉ.भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर के टेलीमेडिसीन हाल में नर्सिंग आफिसर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के कार्यक्रम में कहा।

स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने नर्सिंग आफिसर्स एसोसिएशन को दूसरी वर्षगांठ की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि अस्पताल में नर्स की भूमिका हर मरीज की मां के समान होती है,
ऐसे में नर्स को भी मरीजों की देखभाल अपने बच्चों के समान ही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सक उपलब्ध न हों लेकिन अस्पताल में नर्स को देखकर ही मरीज और परिजन के मन में विश्वास उत्पन्न हो जाता है। श्री जायसवाल ने कहा कि जैसे दवा के साथ दुआ की जरूरत होती है, वैसे ही डाक्टरों के साथ मिलकर मरीजों के साथ नर्सों का व्यवहार, कार्य, सहयोग दवा की तरह काम करता है। 

स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि राज्य में पहले नर्सिंग कालेज की शुरूआत वर्ष 2003 में हुई थी और अब तक शासकीय और निजी मिलाकर लगभग 140 नर्सिंग कालेज खुल चुके हैं, जिसमें लगभग साढ़े सात हजार से ज्यादा छात्राएं नर्सिंग की पढ़ाई कर रही हैं। श्री जायसवाल ने इस मौके पर नर्सों से कहा कि पिछली हड़ताल की अवधि का पूरा वेतन दिया जा रहा है और साथ में नर्सों को अध्ययन अवकाश की सुविधा भी दी जा रही है। 

इस मौके पर पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया, डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम, नर्सिंग आफिसर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. रीना राजपूत समेत नर्सेस बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।


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