मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को रखना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन : बाल अधिकार निकाय प्रमुख

feature-top

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बच्चों के अधिकारों, खासकर मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों के अधिकारों को लेकर चिंता व्यक्त की है। प्रियांक कानूनगो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मदरसे इस्लामी धार्मिक शिक्षा प्रदान करने के केंद्र हैं और शिक्षा के अधिकार अधिनियम की सीमाओं से बाहर हैं। ऐसी स्थिति में हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम बच्चों को मदरसों में रखना न केवल उनके मौलिक, संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि समाज में धार्मिक वैमनस्य फैलाने का कारण भी बन सकता है। इसलिए @NCPCR_ ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाएं ताकि उन्हें संविधान के अनुसार बुनियादी शिक्षा का अधिकार मिल सके और मुस्लिम बच्चों को शिक्षा के अधिकार के साथ-साथ धार्मिक ज्ञान प्रदान करने की व्यवस्था भी करें।" उन्होंने कहा, "इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने आयोग की संस्तुति के अनुरूप आदेश जारी किया है।"


feature-top