विंबलडन के दोबारा राजा बने कार्लोस

लेखक- संजय दुबे

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 स्पेन के लिए कल का दिन डबल धमाके वाला रहा। शाम को विंबलडन में 2023का रिप्ले हुआ। नतीजा भी रिप्ले हुआ। कार्लोस अल्कारेज ने जोकोविक को सीधे सेट में626276से हराकर दोबारा ट्रॉफी उठा ली। जोकोविक के लिए अवसर था कि वे रोजर फेडरर के आठ बार विंबलडन खिताब जीतने की बराबरी करते लेकिन कार्लोस के सामने पहले दो सेट में असहाय दिखे। तीसरे सेट में मेहनत कर टाई ब्रेकर तक पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

 टेनिस जगत में विंबलडन की अहमियत वैसी ही है जैसे क्रिकेट की काशी लार्ड्स में किसी बल्लेबाज के शतक लगाने अथवा गेंदबाज के द्वारा टेस्ट की दो पारियों में दस विकेट ले लेने के बराबर है।

 इंग्लैंड परंपरा में जीने वाला देश है।यहां परंपरा ही अलिखित कानून है। दुनियां के चार में से तीन ग्रैंड स्लेम स्पर्धा कृत्रिम कोर्ट में खेली जाती है। ऑस्ट्रेलिया सिंथेटिक कोर्ट में, फ्रेंच लाल मिट्टी में और यू एस ओपन हार्ड कोर्ट में खेली जाती है। विंबलडन घांस में खेली जाने वाली प्राकृतिक स्पर्धा है।

विंबलडन के राजा रानी को जो प्रसिद्धि मिलती है वो बाकी जगह नही है। पुरुषो के विंबलडन खिताब जीतने की शुरुवात 1877(टेस्ट क्रिकेट के शुरू होने के साल) से हुई।1967तक गैर पेशेवर खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेला करते थे। उस युग में विलियम रेंसा ने सात बार चैंपियनशिप जीती थी। पेशेवर युग में इस रिकार्ड को रोजर फेडरर ने आठ बार जीत कर तोड़ दिया है।फेडरर के पीछे जोकविक खड़े है अब बराबरी के लिए अगले साल तक प्रतीक्षा ही मजबूरी है।

 विंबलडन में धमाकेदार प्रदर्शन के लिये दोहर्रटी बंधुओ का नाम है रेजीनाल्ड और लॉरेंस भाईयो ने नौ बार ट्रॉफी जीती है। फ्रेड पैरी, पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने लगातार तीन साल विंबलडन चैंपियन बने थे। रॉड लेवर, ब्योन बोर्ग, जॉन मेकेनरो ,बोरिस बेकर, पीट सेमप्रास,फेडरर और जोकोविक का नाम सर्वकालीन महान खिलाड़ियों में शुमार है


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