"जीएम सरसों" के पर्यावरणीय उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट का विभाजित निर्णय
सर्वोच्च न्यायालय ने आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सरसों के पर्यावरणीय उपयोग के मुद्दे पर विभाजित निर्णय दिया, जबकि दो न्यायाधीशों की पीठ ने केंद्र सरकार को आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (जीएमओ) के संबंध में कड़े और पारदर्शी जैव-सुरक्षा प्रोटोकॉल पर एक राष्ट्रीय नीति बनाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने अपने फैसले में जी.एम. सरसों, डी.एम.एच.-11 को पर्यावरण के लिए जारी करने की अनुमति देने के सरकार के फैसले को रद्द कर दिया।
अक्टूबर 2022 में जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (जी.ई.ए.सी.) द्वारा लिए गए इस फैसले ने जैव विविधता, मानव स्वास्थ्य और कृषि पद्धतियों पर जी.एम. फसलों की सुरक्षा, आवश्यकता और संभावित प्रभाव पर देशव्यापी बहस छेड़ दी।
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