मनु भाकर जैसा कोई नहीं

लेखक- संजय दुबे

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बात 1900 ओलंपिक की है।आधुनिक ओलंपिक खेलों के जन्मदाता पियरे द कुबरतिन के देश फ्रांस में दूसरे ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया गया। ये खेल का आयोजन कम प्रदर्शनी,मेला, सर्कस सहित दीगर आयोजन भी था। 14मई से 28अक्तूबर 1900 याने 164दिन(5माह14 दिन) तक चले आयोजन में कौन खिलाड़ी कहां से आया कैसे भाग लिया कैसे स्पर्धा पूरी हुई इसका अंदाजा नहीं था। भारत का रहने वाला अंग्रेज नार्मन पिचार्ड भी फ्रांस गया। दो स्पर्धाओं 200मीटर और 200मीटर बाधा दौड़ में भाग लिया और सिल्वर मेडल भी जीत गया। बात आई गई हो गई।1928में पहली बार ब्रिटिश झंडे के तले भारत की हॉकी टीम सहित खेल के खिलाड़ी अधिकृत रूप से भाग लिए । भारत हॉकी में गोल्ड मेडल जीता और फिर 1952तक अकेले हॉकी टीम गोल्ड मेडल लेकर जाती , जीतती और पहन कर वापस आ जाती। 1952मे के डी जाधव ने व्यक्तिगत रूप से पहला ब्रॉन्ज मेडल बेटम वेट कुश्ती में जीता था। 1956और1964में भारतीय हॉकी टीम ने फिर गोल्ड मेडल जीता ।1960 में सिल्वर मेडल हॉकी टीम के हिस्से में आया।1968,1972में हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता और 1980मास्को ओलंपिक में आखरी बार गोल्ड मेडल जीता।

1984,1988,और1992के तीन ओलंपिक खेलों में भारत का नाम पदक तालिका में नही था।

1996में लिएंडर पेस टेनिस खेल में ब्रॉन्ज मेडल,2000में कर्रनम मल्लेश्वरी ने 54kg वेट लिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल,,2004में राज्य वर्धन सिंह राठौर ने डबल ट्रैप निशानेबाजी में सिल्वर मेडल जीतने वाले एक एक खिलाड़ी के रूप में पदक विजेता बने।

2008से भारत की तस्वीर ओलंपिक खेलों में बदलना शुरू हुई। अभिनव बिंद्रा 2008में पहले खिलाड़ी बने जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से गोल्ड मेडल जीता। बिंद्रा ने 10मीटर एयर राइफल स्पर्धा में जीत दर्ज किया था।इसी साल विजेंदर सिंह मिडिल वेट मुक्केबाजी और सुशील कुमार ने66किलोग्राम वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर पहली बार तीन पदक जीते।

2012 का ओलंपिक पदकों के मामले में सबसे सफल ओलंपिक था ।इस साल भारत के हिस्से में दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल हाथ लगे। सुशील कुमार ने 66किलोग्राम कुश्ती में सिल्वर मेडल जीत कर पहले ऐसे खिलाड़ी बने जो दो ओलंपिक खेलों में दो पदक जीते हो। विजय कुमार ने 25मीटर रैपिड फायर पिस्टल में सिल्वर मेडल जीता।साइना नेहवाल (बैडमिंटन),मेरी कॉम (फ्लाईवेट मुक्केबाजी,) योगेश्वर दत्त(60किलोग्राम कुश्ती)और गगन नारंग (10मीटर एयर राइफल)ने ब्रांज मेडल जीता।

 2016में भारत के हिस्से में दो मेडल आए। पी वी सिंधु ने बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीता और साक्षी मलिक ने 58किलोग्राम कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

2020 भारत ने सर्व श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6पदक जीते। नीरज चोपड़ा ने भालफेक में गोल्ड मेडल जीता।मीराबाई चानू ने 49किलोग्राम वेट लिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीता।पी वी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर सुशील कुमार के बाद पहली महिला और दूसरी भारतीय खिलाड़ी बनी जिन्होंने लगातार दो ओलंपिक खेलों में एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता हो। लवलीना बोरगोहन (वेल्टर वेट मुक्केबाजी ) बजरंग पुनिया(65किलोग्राम कुश्ती) और भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।

1900से लेकर आजादी के एक साल बाद याने 1948तक कोई भी भारतीय एक ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत रूप से मेडल नही जीता था। पिचार्ड भारतीय नही था।

1948से लेकर 2024तक सुशील कुमार और पी वी सिंधु दो ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने लगातार दो ओलंपिक खेलों में दो पदक (एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल) जीते है लेकिन 1928से भारत अपने नाम से ओलंपिक खेलों में भाग लेना शुरू किया तबसे कोई भी खिलाड़ी एक ओलंपिक खेल में दो पदक नही जीत सका था। इस मिथक को भारतीय महिला शूटर मनु भाकर ने तोड़ते हुए दो ब्रॉन्ज मेडल पेरिस ओलंपिक खेलों में जीत कर इतिहास की किताब में नया पन्ना जोड़ा है। मनु भाकर ने पहले 10मीटर पिस्टल स्पर्धा में और अब 10मीटर मिक्स पिस्टल स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीत कर सिद्ध कर दिया है कि वे अद्भुद खिलाड़ी है।


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