आइए नीरज और मनु की शादी कराए!
लेखक - संजय दुबे
एक तरफ दो मेडल जीतने वाली मनु भाकर के जीत के चर्चे है बहुतायत से।उनकी जीत की बाते है क्योंकि वे तीन मेडल लाते लाते रह गई।उनके बारे में चर्चा है कि वे पहली भारतीय खिलाड़ी है जिन्होंने एक ओलम्पिक खेल में दो पदक जीते है। उनकी चर्चा ये भी है कि वे डीएवी कालेज चंडीगढ़ की पोस्ट ग्रेजुवेट स्टूडेंट है। ये भी बात है कि 22साल की उम्र में 12करोड़ रुपए उनके पास है। ये भी चर्चा है कि उन्होंने कम उम्र में केरल में हुए राष्ट्रीय खेल में एक दो तीन नहीं बल्कि 9गोल्ड मेडल जीते थे। ये भी बात है कि जूनियर ओर सीनियर वर्ल्ड शूटिंग स्पर्धा में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीता हुआ है। राष्ट्र मंडल खेल का भी गोल्ड मेडल मनु के पास है।देश की करोड़ो युवतियों के लिए ही नहीं बल्कि करोड़ो युवकों के लिए भी मनु भाकर रोल मॉडल है। मनु 2021के टोक्यो ओलंपिक खेलों में असफल रही थी। असफलता ने मनु को तोड़ कर रख दिया था। वे खेल से बाहर हो जाना चाह रही थी लेकिन भागवत गीता ने उन्हें प्रेरणा दी और आज वे राष्ट्रीय प्रेरणा बनी है। इस सच्ची कहानी के किरदार से असफल लोग जीवन में सफलता की राह खोज सकते है, खोजेंगे भी।
अब बात आती है दकियानूस ओर घटिया मानसिकता के लोगो की। ये तबका आपको राजनीति, व्यवसाय, मीडिया,समाज, परिवार में जरूर मिलेगा जिसके पास संकीर्ण सोच के अलावा कुछ नहीं है। नजरिया ऐसा कि एक वाहन में भाई बहन भी जा रहे हो तो इनका दृष्टिकोण ये होता है कि प्रेमी प्रेमिका का जोड़ा रोमांस कर रहा है, खुलेआम। ऐसे लोग चटकारे लेने के लिए मुद्दा खोजते है और फिर उस पर आंकलन कर कहानी बनाते है।
ऐसी ही कहानी पेरिस की एक घटना से बनी। मनु भाकर की मां, नीरज चोपड़ा से मिली।उन्हें आशीर्वाद दिया। इतना काफी था बात का बतंगड़ बनाने के लिए। ये बात भी है कि सेलिब्रिटी बनने के फायदे है तो नुकसान भी है। नुकसान यही है कि आपके अनेक बातों का अनर्थ लिया जाता है। भारत वो देश है जहां 22साल की लड़की विवाह योग्य मान ली जाती है।भले ही किसी युवती को इस बात से लेना देना नहीं होता लेकिन लोग रिश्ते बनाने लगते है। मनु भाकर के लिए भी ऐसी ही घटिया बात इलेक्ट्रानिक और प्रिंट येलो जर्नलिज्म मीडिया(पीत पत्रकारिता ) वालो ने चलाई।
नीरज चोपड़ा और मनु भाकर हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते है। दोनों ही खिलाड़ी है। दोनों ही ओलम्पिक खेलों में दो दो पदक के विजेता है। इतनी केमेस्ट्री मिला कर शादी तो बनती है, ये बात हवा में इतनी फैली कि मनु भाकर के मां बाप सहित खुद मनु भाकर को भी खंडन करना पड़ गया।
किसी लड़की लड़के का संबंध कैसा है ये बात जाने बगैर उनके बारे में संबंध तय करना घटिया सोच और कुंठित मानसिकता है, दुख इस बात का है कि जिम्मेदार इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया के जिम्मेदार?लोग ऐसी बात विदेश में जाकर सोचते है।
नीरज चोपड़ा और मनु भाकर देश के प्रतिभावान खिलाड़ी है।उनका लक्ष्य आम लड़के लड़की की तरह शादी करना नहीं होगा। उनका भविष्य अगला राष्ट्र मंडल खेल, एशियाड खेल सहित विश्व स्तरीय खेलो में देश का नाम रोशन करना है। उनके जेहन में ऐसी बाते आती भी नहीं होगी लेकिन घटिया सोच वाले जो है।
मनु भाकर, एक प्रेरणा है, उनसे सीख लेने का जिम्मा लेना चाहिए। एक मध्यम परिवार से मनु आती है। उनकी मां से सीखना चाहिए जिन्होंने मनु को आगे बढ़ाने के लिए समूचे परिवार से दूरी बना ली। निश्चित रूप से ताने भी सुने लेकिन बेटी को कहां लाकर खड़ा कर दिया, ये बात सीखने की है। केवल चकल्लस में समय बर्बाद करने वाले काल्पनिक दुनियां में रिश्ते गढ़ते रहते है।पता नहीं कब ऐसे लोग ओर ऐसी सोच वालो से निजात मिलेगी!
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