प्रधानमंत्री मोदी ने एक नए 'धर्मनिरपेक्ष' नागरिक संहिता का आह्वान किया

feature-top

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत के लिए “धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता” की मांग करने का समय आ गया है, क्योंकि धर्म पर आधारित ऐसे कानून जो भेदभाव को बढ़ावा देते हैं, उनका आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने एक विवादास्पद विचार का अब तक का सबसे जोरदार समर्थन किया, जो स्वतंत्रता के पहले से ही देश को प्रेरित करता रहा है, लेकिन कभी फलित नहीं हो सका।

यूसीसी से तात्पर्य कानूनों के एक सामान्य समूह से है, जो विभिन्न धर्मों के प्रचलित कानूनों को समाहित कर लेगा तथा विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और भरण-पोषण जैसे मुद्दों को नियंत्रित करेगा।


feature-top