सुप्रीम कोर्ट ने नए आपराधिक कानूनों के तहत विचाराधीन कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया तेज करी

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सर्वोच्च न्यायालय ने विचाराधीन कैदियों और पहली बार अपराध करने वाले ऐसे अपराधियों की समयपूर्व रिहाई की प्रक्रिया को तेज कर दिया है, जिन्होंने अपनी अधिकतम सजा का आधा या एक तिहाई हिस्सा पूरा कर लिया है। न्यायालय ने देश भर के जेल अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे नव अधिनियमित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत सभी पात्र कैदियों के आवेदनों पर दो महीने के भीतर कार्रवाई करें।


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