वकीलों की हड़ताल पर जाकर शोक सभा आयोजित करना अवमानना ​​माना जाएगा: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि यदि कोई वकील या वकीलों का संगठन किसी वकील, अधिकारी या कर्मचारी या उनके रिश्तेदारों की मृत्यु के कारण शोक व्यक्त करने के लिए हड़ताल पर जाता है या हड़ताल का आह्वान करता है या काम से विरत रहता है तो इसे प्रथम दृष्टया आपराधिक अवमानना ​​का कृत्य माना जाएगा। हालांकि, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वकील या उनके संगठन कोई भी शोक सभा अपराह्न साढ़े तीन बजे के बाद ही बुला सकते हैं।


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