हरियाणा विधानसभा चुनाव में जेजेपी के लिए अस्तित्व की लड़ाई

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जननायक जनता पार्टी (जेजेपी), जिसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कनिष्ठ गठबंधन सहयोगी के रूप में लगभग 53 महीने तक हरियाणा पर शासन किया था, अब राज्य में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही बड़ी संख्या में नेताओं के पार्टी छोडऩे तथा राजनीतिक प्रभाव में तीव्र गिरावट से जूझ रही है। हाल के संसदीय चुनावों में पार्टी की गिरावट की गंभीरता स्पष्ट हो गई।

जेजेपी का आधार, मुख्य रूप से जाट मतदाता भगवा पार्टी के साथ गठबंधन करने के पार्टी के फैसले से धोखा महसूस कर रहे थे, खासकर किसानों के आंदोलन के दौरान। यह धारणा कि जेजेपी ने किसानों के हितों के खिलाफ भाजपा का साथ दिया, ने इसके समर्थन को और कम कर दिया।

जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, जेजेपी की चुनौतियों का सामना करने और विकसित होने की क्षमता इसकी दीर्घकालिक व्यवहार्यता निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगी।


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